रियासतकाल में बना था भवन
दरअसल, तखतगढ़ पटवार भवन तात्कालिन जोधपुर रियासत ने बनवाया था। जिसे हवाला के नाम से जाना जाता रहा। देश आजादी के बाद भवन पर सरकार का आधिपत्य हो गया। इसे पटवारी भवन बना दिया गया। बीते वर्ष जर्जर भवन की मरम्मत करवाई गई। अब वर्तमान सडक़ से तीन फीट नीचे कमरें है। ऐसे में बरसात के पानी की निकासी के अभाव में पानी कक्षा कक्षों में ही एकत्रित हो रहा है। मंगलवार सुबह प्रतिकार नाथूराम मेघवाल, वीराराम चौधरी, जोगाराम चौहान सहित अन्य नगर वासियों के सहयोग से काफी मशक्कत के बाद विधुत मोटर से पानी खाली करवाया गया।
दरअसल, तखतगढ़ पटवार भवन तात्कालिन जोधपुर रियासत ने बनवाया था। जिसे हवाला के नाम से जाना जाता रहा। देश आजादी के बाद भवन पर सरकार का आधिपत्य हो गया। इसे पटवारी भवन बना दिया गया। बीते वर्ष जर्जर भवन की मरम्मत करवाई गई। अब वर्तमान सडक़ से तीन फीट नीचे कमरें है। ऐसे में बरसात के पानी की निकासी के अभाव में पानी कक्षा कक्षों में ही एकत्रित हो रहा है। मंगलवार सुबह प्रतिकार नाथूराम मेघवाल, वीराराम चौधरी, जोगाराम चौहान सहित अन्य नगर वासियों के सहयोग से काफी मशक्कत के बाद विधुत मोटर से पानी खाली करवाया गया।
तीन दिनों में 157 एम एम बरसात दर्ज
तखतगढ़ क्षेत्र में बीते 48 घंटों में 157 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। जल संसाधन विभाग के डाक बंगले में स्थापित वर्षा मापक यंत्र पर अब तक कुल 454 एम एम वर्षा दर्ज की गई है। मंगलवार अलसुबह से सावन के फूआरों की हल्की बारिश का दौर जारी रहा। तखतगढ़ में मंगलवार सुबह 8 बजे 60 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
तखतगढ़ क्षेत्र में बीते 48 घंटों में 157 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। जल संसाधन विभाग के डाक बंगले में स्थापित वर्षा मापक यंत्र पर अब तक कुल 454 एम एम वर्षा दर्ज की गई है। मंगलवार अलसुबह से सावन के फूआरों की हल्की बारिश का दौर जारी रहा। तखतगढ़ में मंगलवार सुबह 8 बजे 60 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
इनका कहना है…
हां, मैं परिजनों से मिलने शनि व रवि को जोधपुर गया। सोमवार शाम को आया तो पानी भरा दिखा। पालिका से पानी की निकासी के लिए मांग करेंगें। – मालमसिंह, पटवारी, तखतगढ़।
हां, मैं परिजनों से मिलने शनि व रवि को जोधपुर गया। सोमवार शाम को आया तो पानी भरा दिखा। पालिका से पानी की निकासी के लिए मांग करेंगें। – मालमसिंह, पटवारी, तखतगढ़।