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पत्रिका स्पॉटलाइट : पांच हिस्सों में बंटेगा शहर, 2035 तक के जोनल प्लान को मूर्त रूप देने की तैयारी

-नगर विकास न्यास (यूआइटी) और नगर नियोजक पाली शहर का मास्टर प्लान और जोनल प्लान बनाने की कवायद में जुटे

पालीJul 07, 2021 / 04:59 pm

Suresh Hemnani

पत्रिका स्पॉटलाइट : पांच हिस्सों में बंटेगा शहर, 2035 तक के जोनल प्लान को मूर्त रूप देने की तैयारी

-राजेन्द्रसिंह देणोक
पाली। अगले 14 साल यानी 2035 तक शहर का स्वरूप कैसा होगा, इसका ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है। नगर विकास न्यास (यूआइटी) और नगर नियोजक पाली शहर का मास्टर प्लान और जोनल प्लान बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं। संभवत: अगले दो माह में पूरा ड्राफ्ट तैयार कर लिया जाएगा। पाली शहर और यूआइटी के क्षेत्र वाले 38 गांवों को मिलाकर पूरे क्षेत्र को पांच जोन में बांटा गया है। अब भविष्य में शहर का विकास जोनल प्लान के मुताबिक ही होगा।
जोधपुर के वरिष्ठ नगर नियोजक की अगुवाई में दोनों प्लान बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। सरकारी जमीनें चिह्नित कर ली गई है। नगर परिषद क्षेत्र और आसपास के गांवों का भी राजस्व रिकॉर्ड संकलित किया गया है। नगर विकास न्याय पूरी मॉनिटरिंग कर रहा है। नगर नियोजक को सभी आवश्यक दस्तावेज और संसाधन उलब्ध कराए जा चुके हैं।
फायदा : सुनियोजित हो सकेगा शहर का विकास
मास्टर और जोनल प्लान बनने से शहर का विकास सुनियोजित ढंग से हो सकेगा। शहर की जनसंख्या के अनुपात में शहर की सुंदरता और जरूरतों के हिसाब से विकास किया जा सकेगा। जोनल प्लान भी शहर के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। शहर के किस हिस्से में (जोन) में क्या होना चाहिए, जमीनों, संस्थाओं, पार्कों इत्यादि का सम्पूर्ण ब्यौरा होगा। भू उपयोग तय होने से भूमि का संपरिवर्तन भी उसके अनुरूप कराया जा सकेगा। भविष्य के लिहाज से भी शहर का विकास कैसे होगा, इसकी पूरी तस्वीर प्लान में नजर आएगी।
चुनौती : मास्टर प्लान को लागू करना
मास्टर और जोनल प्लान नि:संदेह शहर की बसावट में चार चांद लगाएंगे, लेकिन इसकी पालना कराना भी नगर सुधार न्यास और जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगा। मास्टर प्लान की अनदेखी अब आम बात हो गई है। शहरों में बढ़ते अतिक्रमण और बेतरतीब ढंग से बनती इमारतें इसका उदाहरण है। मास्टर प्लान पूर्व में भी कई बार बने हैं, लेकिन इसकी सख्ती से पालना नहीं कराई जाती। इस कारण शहरों का विकास सुनियोजित नहीं हो रहा। पाली में भी पार्र्किंग हो या भवनों का निर्माण, अधिकांश में नियमों की अवहेलना होती है।
जोधपुर-सोजत बाइपास प्रस्तावित
मास्टर प्लान में जोधपुर से सीधे सोजत के लिए बाइपास भी प्रस्तावित है। हालांकि, बाइपास कहां से निकलेगा अभी पूरा खाका नहीं खिंचा गया है, लेकिन मास्टर प्लान में बाइपास को भी आवश्यक माना गया है। फिलहाल जोधपुर से सोजत जाने के लिए सुमेरपुर बाइपास से होकर निकलना पड़ता है। ऐसे में समय और दूरी भी ज्यादा है। शहर के विकास के लिए यह बाइपास भी महत्वपूर्ण होगा।
तेजी से चल रही प्रक्रिया
मास्टर प्लान व जोनल प्लान बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। अगले दो माह में इसे तैयार करने का लक्ष्य लिया है। इसी के अनुरूप काम चल रहा है। वरिष्ठ नगर नियोजक प्लान बनाने में जुटे हुए हैं। हमसे जो भी संसाधन मांगे गए वह उपलब्ध करा दिए। मास्टर प्लान व जोनल प्लान शहर के सुनियोजित विकास के लिए आधार स्तंभ साबित होंगे। –वीरेन्द्रसिंह चौधरी, सचिव, नगर सुधार न्यास, पाली

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