शहर की छवि बिगाड़ रहीं सड़कें
शहर की खस्ताहाल सड़कें वाहन चालकों के लिए ही परेशानी खड़ी नहीं कर रही, बल्कि शहर की छवि पर भी बुरा असर डाल रही हैं। मंडिया रोड पर औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं। यहां अन्य शहरों के उद्यमी भी आते हैं। आम व्यक्ति से लेकर खास तक यहां से गुजरता है। बाहर से आने वाले उद्यमी ऐसी सड़कों पर कड़वा अनुभव लेकर जा रहे हैं। शहर की इकोनॉमी पर भी असर पड़ रहा है।
शहर की खस्ताहाल सड़कें वाहन चालकों के लिए ही परेशानी खड़ी नहीं कर रही, बल्कि शहर की छवि पर भी बुरा असर डाल रही हैं। मंडिया रोड पर औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं। यहां अन्य शहरों के उद्यमी भी आते हैं। आम व्यक्ति से लेकर खास तक यहां से गुजरता है। बाहर से आने वाले उद्यमी ऐसी सड़कों पर कड़वा अनुभव लेकर जा रहे हैं। शहर की इकोनॉमी पर भी असर पड़ रहा है।
शिविरों में राहत तो गड्ढ़ों से नहीं
सरकार और प्रशासन दावा कर रहा है कि महंगाई से राहत शिविरों में आमजन को राहत दी जा रही है। दूसरी तरफ, सड़कों के मामले में किसी तरह की सक्रियता नहीं है। गड्ढ़ों से शहरवासी त्रस्त है। यह िस्थति लंबे समय से बनी हुई है। मंडिया रोड शहर का प्रमुख मार्ग है। इस मार्ग पर कई सरकारी कार्यालय संचालित है तो औद्योगिक इकाइयां बड़ी संख्या में है।
सरकार और प्रशासन दावा कर रहा है कि महंगाई से राहत शिविरों में आमजन को राहत दी जा रही है। दूसरी तरफ, सड़कों के मामले में किसी तरह की सक्रियता नहीं है। गड्ढ़ों से शहरवासी त्रस्त है। यह िस्थति लंबे समय से बनी हुई है। मंडिया रोड शहर का प्रमुख मार्ग है। इस मार्ग पर कई सरकारी कार्यालय संचालित है तो औद्योगिक इकाइयां बड़ी संख्या में है।
एक्सपर्ट @ पाली
सड़क निर्माण में कई जगह कच्चा मुंगिया यानी कम गुणवत्ता का एग्रीगेट उपयोग में ले लेते हैं। डामर की लेयर 100 डिग्री तापमान पर बिछाई जानी चाहिए, लेकिन इसकी पालना नहीं की जाती। सड़कों की मोटाई का भी ध्यान नहीं रखा जाता है। बारिश में सड़कें इसी कारण बह जाती है। सड़कों का उचित लेवल नहीं है। बरसात के पानी को फ्लो कैसे करेंगे, इस पर ज्यादा काम करने की जरूरत है। डामर की सड़क सॉफ्ट कोर होती है। इस पर पानी नहीं रहना चाहिए। इन पर ध्यान दे दिया जाए तो सड़कें स्वत: ही लम्बे समय तक टिकेगी। –अंकित परिहार, सिविल इंजीनियर
सड़क निर्माण में कई जगह कच्चा मुंगिया यानी कम गुणवत्ता का एग्रीगेट उपयोग में ले लेते हैं। डामर की लेयर 100 डिग्री तापमान पर बिछाई जानी चाहिए, लेकिन इसकी पालना नहीं की जाती। सड़कों की मोटाई का भी ध्यान नहीं रखा जाता है। बारिश में सड़कें इसी कारण बह जाती है। सड़कों का उचित लेवल नहीं है। बरसात के पानी को फ्लो कैसे करेंगे, इस पर ज्यादा काम करने की जरूरत है। डामर की सड़क सॉफ्ट कोर होती है। इस पर पानी नहीं रहना चाहिए। इन पर ध्यान दे दिया जाए तो सड़कें स्वत: ही लम्बे समय तक टिकेगी। –अंकित परिहार, सिविल इंजीनियर