सामाजिकी वानिकी अरण्य देसूरी रेंजर राजेश कुमावत ने बताया कि मादा निवासी देवजी पुत्र धन्नाजी रावल ब्राह्मण के यहां सायरा जिला उदयपुर निकोर निवासी भीमाराम भील काश्तकारी करता है। खेत शीतला माता मंदिर के समीप है। काश्तकार भीमाराम की पुत्री गैरी भील सुबह करीब 9 बजे गेहूं फसल में सिंचाई कर रहे पिता को चाय पिलाने जा रही थी। तभी घात लगाए बैठे पैंथर ने गैरी पर हमला कर दिया। पैंथर ने बालिका का एक पैर भी पकड़ लिया। बालिका के चिल्लाने से पिता व अन्य किसान राजूराम, हरिसिंह राजपुरोहित, किशोरसिंह दौड़े। चिल्लाने पर पैंथर भाग गया। बाद में बालिका को सादड़ी अस्पताल लाया जहां से उसे उदयपुर रैफर किया।
गेरी पुत्री (10) भीमाराम भील मादा स्थित खेत पर परिजनों के साथ रहती है। ग्रामीणों ने बताया कि मादा सरहद सामाजिकी वानिकी अरण्य व समीप कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण में काफी तादाद में पैंथर है। कई बार पैंथर भोजन पानी की तलाश में गांवों में आ जाते है।
उदयपुर शहर के इस इलाके में दिखा पैंथर, तलाशते रहे वनकर्मी
मादा में बालिका पर पैंथर हमले की जानकारी मिलने पर स्टाफ को मौके पर भेजा। पैंथर के पद्धचिन्ह मिले है। मौका रिपोर्ट तैयार करवा दी। अब पैंथर के आवाजाही पर नजर रखेंगे। इस मामले में नियमानुसार मुआवजे को लेकर कार्रवाई की जा रही है।राजेश कुमावत, रेंजर, सामाजिकी वानिकी अरण्य रेंज देसूरी