37 हो गई वाइपेप की संख्या
वेंटिलेंटर के ही छोटे रूप कहे जाने वाले वाइपेप की संख्या भी बांगड़ चिकित्सालय में अब बढकऱ 37 हो गई है। पहले जहां 17 वाइपेप ही थे। वहीं अब राज्य सरकार की ओर से 20 नए वाइपेप उपलब्ध कराए गए है। इनमें से जरूरत होने पर जिले के अन्य चिकित्सालयों में भी भेजकर उपयोग किया जा सकेगा। इन वाइपेप को मरीज के पास बेड पर रखकर ही उपयोग किया जा सकता है।
वेंटिलेंटर के ही छोटे रूप कहे जाने वाले वाइपेप की संख्या भी बांगड़ चिकित्सालय में अब बढकऱ 37 हो गई है। पहले जहां 17 वाइपेप ही थे। वहीं अब राज्य सरकार की ओर से 20 नए वाइपेप उपलब्ध कराए गए है। इनमें से जरूरत होने पर जिले के अन्य चिकित्सालयों में भी भेजकर उपयोग किया जा सकेगा। इन वाइपेप को मरीज के पास बेड पर रखकर ही उपयोग किया जा सकता है।
सर्जिकल व मेडिकल दो आइसीयू
चिकित्सालय में अभी सर्जिकल व मेडिकल दो आइसीयू है। इन दोनों का अभी तो कोविड पेसेंट के लिए अधिक हो रहा है, लेकिन कोविड की महामारी खत्म होने पर इन दोनों में वेंटिलेंटर की सुविधा हो जाएगी। इनमें बेड की संख्या भी बढकऱ अब 20 कर दी गई है। जिससे मरीजों को उपचार में सुविधा हो और गंभीर मरीजों को भी अचानक जोधपुर रैफर नहीं करना पड़े।
चिकित्सालय में अभी सर्जिकल व मेडिकल दो आइसीयू है। इन दोनों का अभी तो कोविड पेसेंट के लिए अधिक हो रहा है, लेकिन कोविड की महामारी खत्म होने पर इन दोनों में वेंटिलेंटर की सुविधा हो जाएगी। इनमें बेड की संख्या भी बढकऱ अब 20 कर दी गई है। जिससे मरीजों को उपचार में सुविधा हो और गंभीर मरीजों को भी अचानक जोधपुर रैफर नहीं करना पड़े।
नौ लाख से लगाएंगे मल्टी पेरा मॉनिटर
आइसीयू वार्ड व गंभीर मरीजों की पल्स, बीपी व ऑक्सीजन का स्तर नापने के लिए भी अब चिकित्साकर्मी को उपकरण लेकर दौडऩे की जरूरत नहीं है। वह ऑटोमेटिक तरीके से 24 घंटे स्क्रीन पर नजर आएगा। इसके लिए चिकित्सालय में 9 लाख रुपए की लागत से 11 मल्टी पेरामॉनिटर लिए जा रहे है। ऑपरेशन करते समय भी यह मॉनिटर मरीज से जुड़ा रहेगा। जिससे चिकित्सकों को उसकी स्थिति पता लगती रहेगी।
आइसीयू वार्ड व गंभीर मरीजों की पल्स, बीपी व ऑक्सीजन का स्तर नापने के लिए भी अब चिकित्साकर्मी को उपकरण लेकर दौडऩे की जरूरत नहीं है। वह ऑटोमेटिक तरीके से 24 घंटे स्क्रीन पर नजर आएगा। इसके लिए चिकित्सालय में 9 लाख रुपए की लागत से 11 मल्टी पेरामॉनिटर लिए जा रहे है। ऑपरेशन करते समय भी यह मॉनिटर मरीज से जुड़ा रहेगा। जिससे चिकित्सकों को उसकी स्थिति पता लगती रहेगी।
मरीजों व चिकित्सकों को होगा लाभ
वेंटिलेंटर और मल्टी पेरा मॉनिटर से चिकित्सकों को सुविधा होगी। मरीजों को भी लाभ होगा। हमारी क्षमता वेंटिलेंटर की बढऩे से गंभीर हालात में भी मरीज का उपचार बेहतर हो सकेगा। –केसी अग्रवाल, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज, पाली
वेंटिलेंटर और मल्टी पेरा मॉनिटर से चिकित्सकों को सुविधा होगी। मरीजों को भी लाभ होगा। हमारी क्षमता वेंटिलेंटर की बढऩे से गंभीर हालात में भी मरीज का उपचार बेहतर हो सकेगा। –केसी अग्रवाल, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज, पाली