फरार चल रहे कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के कानूनी सलाहकार रणजीतसिंह को नागौर पुसि का साइबर सेल बुधवार को देसूरी बस स्टैंड से गिरफ्तार कर ले गया। रणजीतसिंह नाडोल में आशापुरा माता के दर्शन के लिए आया था। इसकी सूचना मिलते ही नागौर पुलिस ने आरोपित को पकडऩे के लिए जाल बिछा दिया था। लेकिन वह नाडोल से देसूरी पहुंच गया। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस देसूरी पहुंची जहां आरोपित बस से फरार होने की फिराक में बस स्टैंड पर खड़ा था। हैरत की बात यह है कि नागौर पुलिस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देकर आरोपित को गिरफ्तार करके ले गई लेकिन स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं लगी। बाद में पाली पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव को नागौर पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई की जानकारी दी।
READ: नदी डूबते व्यक्ति की दो महिलाओं ने बचाई जान, एक व्यक्ति को नहीं बचा पाई जाबांज़ महिलायें ज्ञात रहे कि 19 जून 2013 को गांव चैलूखा में बजरंग चाहर फौगडी पर हुई फायरिंग की घटना के बाद से एडवोकेट रणजीत सिंह फरार चल रहा था। नागौर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपित रणजीत सिंह नाडोल पाली में मां आशापुरा मंदिर में दर्शन करने आएगा। नागौर पुलिस के उप अधीक्षक जब्बरसिंह के नेतृत्व में एक टीम भेजी। टीम ने आरोपित रणजीतसिंह को देसूरी से दस्तयाब कर ले गई तथा नरसीलाल मीणा उप अधीक्षक पुलिस डीडवाना को सौंपा।
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Surgical Strike : भारतीय सेना ने 50 साल पहले फहराया था पाकिस्तान के लाहौर पुलिस थाने पर तिरंगा आनंदपाल की फरारी प्रकरण व गुड़ा भगवानदास में खुमाराम के मर्डर के बाद रणजीत विशेष एहतियात बरतने लग गया। पुलिस को रणजीत से पूछताछ में इस गैंग के संबंध में विशेष जानकारी मिलने की उम्मीद है।
ऑपरेशन की दी जानकारी आनंदपाल के साथी को दस्तयाब कर ले जाने की जानकारी नागौर पुलिस अधीक्षक की ओर से बाद में दी गई। इस ऑपरेशन में स्थानीय पुलिस का उनकी ओर से सहयोग नहीं लिया गया।
– दीपक भार्गव, पुलिस अधीक्षक पाली