पाली जिले के गुंदोज, मणिहारी, रोहट, देसूरी, सुमेरपुर के कोलिवाड़ा, रानी, डेंडा के आसपास के इलाकों की जमीन में ग्रेनाइट निकल रहा है। इन इलाकों में हाल ही में 150 से अधिक ग्रेनाइट की माइंस खुल चुकी है। वहीं तीस से अधिक माइंस और खुलने की कतार में हैं। स्थानीय व बाहरी बिजनेसमैन इसमें निवेश कर रहे हैं। वर्तमान में इन माइंस पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलने लगा है। यहां से ग्रेनाइट किशनगढ़ की मंडी में भेजा जाता है। खासकर सुमेरपुर के कोलिवाड़ा की खानों से निकलने वाला ग्रेनाइट विदेशों में पसंद किया जा रहा है। इसलिए यहां की डिमांड बढ़ गई है।
पाली शहर के सरदार समंद रोड पर ग्रेनाइट औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित किया गया है। यहां बड़ी संख्या में ग्रेनाइट फैक्ट्रियां है, जहां ग्रेनाइट कटिंग का काम होता है और यहां से यह पत्थर बाहरी देशों व राज्यों में भेजा जाता है। जालोर के बाद अब पाली नया ग्रेनाइट अब बनकर उभर रहा है।
खनिज विभाग की माने तो आम आदमी भी ग्रेनाइट की माइंस ले सकता है। सरकार ने इसकी प्रक्रिया में काफी सरलीकरण किया है। जमीन मालिक से एग्रीमेंट के आधार पर औपचारिकताएं पूरी कर इसकी खान आवंटित करवाई जा सकती है।
यह सहीं है कि हाल ही में पाली की जमीन से ग्रेनाइट निकलने से 150 माइंस खुल चुकी है। कई और भी आवेदन आ रखे हैं। यहां का ग्रेनाइट पत्थर विदेशों में पहचान बना रहा है। लोगों को रोजगार व नया बिजनेस मिल रहा है। यह अच्छा संकेत है। – स्वरूप सिंह गहलोत, एमइ, खनिज विभाग, सोजत, पाली