उधर, पूरे दिन की उमस व गर्मी के बाद अरावली की तहलटी में बसे सादड़ी कस्बे सहित आस-पास के क्षेत्रों में जाते हुए मेहबाबा ने पानी बरसाया। तेज बरसात से सड़कों पर पानी बहने लगा। मकानों व प्रतिष्ठानों के परनाले बह निकले। बरसात से एक बार तो लोगों को गर्मी से राहत मिली, लेकिन बाद में उमस बढ़ गई। मौसम केंद्र जयपुर की मानें तो 2 अक्टूबर से प्रदेश के अधिकांश भागों में बरसात की गतिविधियां कम हो जाएंगी।
उदयपुर, कोटा संभाग में कहीं-कहीं बरसात की संभावना रहेगी।
पाली संभाग में कोई चेतावनी नहीं
मौसम केंद्र जयपुर की ओर से
पाली संभाग में किसी तरह की चेतावनी जारी नहीं की गई है। पाली संभाग के पाली, जालोर व सिरोही में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। हालांकि जोधपुर संभाग में कुछ जगहों पर बरसात हो सकती है। पाली संभाग के साथ ही मौसम केंद्र की ओर से पूरे प्रदेश में किसी जिले के लिए आने वाले चार दिन तक बरसात की चेतावनी जारी नहीं की गई है।
बांधों पर चल रही चादर
जिले में मानसून की बरसात का दौर थमने के बावजूद कई बांधों पर चादर चल रही है। जवाई बांध के जल ग्रहण क्षेत्र में बरसात तो नहीं हुई, लेकिन उसके सहायक सेई बांध से अपवर्तित होकर पानी लगातार पहुंच रहा है। जिससे बांध का गेज शाम पांच बजे 56.80 फीट पर पहुंच गया। जवाई बांध में अभी 6183 एमसीएफटी पानी है। बांध अपनी कुल भराव क्षमता से महज 4.45 फिट ही कम रह गया है।