पाली

कलाई सूनी कर गया कोरोना, ताउम्र रहेगा इंतजार

रक्षा बंधन 2021 :

पालीAug 22, 2021 / 09:05 am

Suresh Hemnani

कलाई सूनी कर गया कोरोना, ताउम्र रहेगा इंतजार

-राजेन्द्रसिंह देणोक
पाली। Raksha Bandhan 2021 : कोरोना महामारी ने यों तो हर किसी को न भुलाने वाले जख्म दिए। लेकिन कई इकलौते भाई-बहनों को ऐसा दंश मिला कि वे ताउम्र रक्षा बंधन का त्योहार खुशी से नहीं मना पाएंगे। किसी बहन का इकलौता भाई दुनिया से विदा हो गया तो किसी की इकलौती बहन। उस बहन को स्नेह और सुरक्षा का वादा करने वाले भाई का जीवनभर इंतजार ही रहेगा। बहन को खोने वाले भाइयों को कलाई पर स्नेह और प्रतिबद्धता के धागे से महरूम रहना होगा।
अब महिपाल की कलाई पर कौन बांधेगा स्नेह का धागा
गुड़ा पृथ्वीराज के रहने वाले महिपालसिंह को अब रक्षाबंधन के पर्व पर बहन खुशबू का इंतजार ही रहेगा। कोरोना महामारी ने बहन को हमेशा के लिए छीन लिया। मां की ममता से भी दूर कर दिया। बहन और मां दोनों कोरोना से जूझते हुए दुनिया से विदा हो गईं। महिपाल और खुशबू दोनों ही रक्षा बंधन के त्योहार का हमेशा इंतजार करते थे। इकलौते भाई-बहन पर पूरे परिवार को नाज था। खुशबू अपने पीहर रामासीया से रक्षा बंधन पर अक्सर गांव आ जाती थीं। खुशबू छोटी और इकलौती बहन थी। इसलिए महिपाल भी हद से ज्यादा स्नेह करता था। रक्षा बंधन के त्योहार पर पूरा परिवार खुशियां मनाता। भाई-बहन एक-दूसरे के लिए प्रतिबद्ध थे।
बहन से छिन गया भाई का प्यार
आबूरोड की सुरेखा गुप्ता इकलौती बहन है। कोरोना में पिता विरेन्द्र मंगल और इकलौते छोटे भाई विनोद मंगल का प्यार हमेशा-हमेशा के लिए चला गया। वह अहमदाबाद में रहती है। ऐसी अनहोनी की उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी। कोरोना जैसी महामारी ने उसके भाई को जीवनभर के लिए दूर कर दिया। रक्षा बंधन पर भाई विनोद कभी अहमदाबाद आ जाते थे तो कभी वह डाक से राखी भिजवा देती थी। उसे मलाल है कि अब वह अपने भाई को कभी राखी नहीं बांध पाएगी। भाई विनोद जब कोरोना की चपेट में आए तो इलाज कराने बहन के पास पहुंच गए। बहन ने खूब सेवा की, लेकिन भाई का जीवन नहीं बचा सकी।

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