कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व के गठन व नोटिफिकेशन जारी करने को लेकर राज्य सरकार की ओर से गठित मुख्य वन संरक्षक उदयपुर की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय एक्सपर्ट समिति ने अपनी रिपोर्ट 31 अक्टूबर 2024 को राज्य सरकार को सौंप दी थी। रिपोर्ट के बाद मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एसआरवी मुर्थी ने जयपुर में विभागीय अधिकारियों समक्ष प्रस्ताव पेश किया। इसी प्रक्रिया के तहत शासन सचिवालय में बैठक हुई। जिसमें अधिकारियों ने प्रस्तावित टाइगर रिजर्व में प्रे-बेस (शाकाहारी वन्यजीव) की उपलब्धता पर सवाल उठाए। बैठक में पूछा गया कि भविष्य में बाघ के भोजन के लिए प्रे-बेस की व्यवस्था कैसे की जाएगी। प्रस्तावित टाइगर रिजर्व के बीच से गुज़रने वाली मेवाड़ व मारवाड़ को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों से उत्पन्न दुष्प्रभावों के समाधान को लेकर भी कार्ययोजना मांगी है। ऐसे में अब इस प्रक्रिया को गति पकड़ने में कुछ माह का समय ओर लग सकता है।
पांच जिलों में होगा प्रस्तावित है टाइगर रिजर्व
राज्य सरकार की ओर से गठित एक्सपर्ट समिति ने गत अक्टूबर माह में प्रस्तावित कुभलगढ़ टाइगर रिजर्व कोर एरिया, क्रिटिकल टाइगर हेबिटेट, बफर व पैराफेरी एरिया का निर्धारण कर रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इसके लिए सरकार ने 11 सदस्यीय एक्सपर्ट समिति का गठन किया था। कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व में राजसमंद, उदयपुर, पाली, ब्यावर व सिरोही जिलों के हिस्से शामिल होना प्रस्तावित है।नए सिरे से रिपोर्ट मांगी
कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व को लेकर जयपुर में बैठक हुई थी। जिसमें अधिकारियों ने कुछ सूचनाएं शामिल कर रिपोर्ट वापस देने को कहा है। हालांकि बैठक का विवरण नहीं मिला है। इसके बाद आगे की कार्यवाही तय होगी। –सुदर्शन शर्मा, उप वन संरक्षक, कुभलगढ़ अभयारण्य राजसमंद