24 को कोमल को ससुराल ले जाने के लिए सुराणा सराय में नोखा से बारात आई। बारात का स्वागत धूमधाम से हुआ। गोद ली गई बेटी के लिए गादीपति आशा कंवर ने छह तोला सोने के स्वर्णाभूषण समेत 25 तोला चांदी के जेवरात, दुल्हन के लिए 32 वेश तथा दुल्हन के ससुराल पक्ष वालों के लिए 21 वेश तैयार करवाए। विवाह के बाद घर चलाने लायक वह सभी सामग्री जुटाई गई हैं, जो एक नववधू की जरुरत है। दुल्हन कोमल तथा उसके पति व सास-ससुर के लिए सोने की अंगूठियां भी तैयार करवाई कर सौंपी गई। सुराणा सराय में कोमल ने नोखा मंडी से आए दूल्हे पवन के साथ सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में फेरे लिए। इस दौरान शहरवासियों ने फूलों की वर्षा कर तथा नोट बरसा कर दूल्हा-दुल्हन को शुभकामनाएं दी। सभी रीति-रिवाज निभाने के बाद दोपहर में नम आंखों से कोमल को विदाई दी गई। विदाई के क्षणों में किन्नर समाज के साथ वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो उठी।
कोमल की शादी के दौरान व्यवस्था में पूरे मोहल्ले के लोग, दुकानदार जुटे। हर व्यक्ति ऐसे दौड़ते हुए काम में जुटा रहा, मानो उनकी बेटी की शादी हो। बारातियों की व्यवस्था तथा सत्कार में कोई कमी नहीं रखी गई। फेरों से पहले के सभी रिवाजों में किन्नर समाज ने झूमकर नृत्य किया तथा अपनी खुशी का इजहार किया। हवेली की गादीपति आशा कंवर आर्थिक रूप से कमजोर 20 परिवारों की बेटियों को अपनी बेटी मान शादी करवा चुकी हैं।
इस अनूठे विवाह का साक्षी बनने के लिए पाली समेत राज्यभर के विभिन्न कोनों से किन्नर समाज के लोग पाली पहुंचे। विशिष्ट लोगों समेत शहरवासियों की मौजूदगी में परिणय सूत्र की सभी रस्में धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार संपन्न करवाई गई। शादी में पाट बिठाने से लेकर फेरों तथा विदाई की सभी रस्मों में किन्नर समाज के साथ शहरवासियों की मौजूदगी रही।