सरकारी जमीन जेपीएमआई के नाम रिकॉर्ड में दर्ज कर ली गई है। निजी खातेदारों से जमीन अवाप्ति की प्रक्रिया चल रही है। केन्द्र सरकार द्वारा बजट में घोषणा करने से अब डीएमआईसी के पहले चरण को गति मिलेगी। यह देश का अत्याधुनिक औद्योगिक कॉरिडोर होगा। इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत 4 हजार 380 करोड़ रुपए आंकी गई है। इस परियोजना को शुरू करने के लिए पत्रिका ने अभियान चलाया, सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित की। राज्य सरकार ने भी कई बार केन्द्र से आग्रह किया। सांसद चौधरी ने भी केन्द्र को पत्र लिखे। सांसद ने बताया कि ये पाली के लिए सौगात है।
समझें कॉरिडोर की महत्ता
- देश की राजधानी दिल्ली से व्यापारिक राजधानी मुबई समेत देश के प्रमुख शहरों के बीच तीव्र गति व औद्योगिक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए दिल्ली मुबई औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना शुरू की गई। इसका उद्देश्य लॉजिस्टिक लागत कम करने के लिए स्मार्ट और सतत औद्योगिक शहरों का निर्माण करना है।
- राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा (कॉरिडोर) विकास कार्यक्रम को साकार करने के लिए वर्ष 2006 में जापान सरकार से वित्तीय सहयोग के लिए एमओयू किया गया।
- परियोजना के तहत दिल्ली से मुबई तक माल ढुलाई के लिए अलग से रेलवे लाइन बिछाई जा रही, जिस पर सिर्फ माल ढुलाई होगी।
- यह दिल्ली एनसीआर, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से गुजरेगी।
- डीएफसी लाइन 1504 किलोमीटर लंबी होगी। पश्चिमी डीएफसी के मुंबई में जेएन पोर्ट से उत्तर प्रदेश के दादरी तक है।
- डीएमआईसी पहली औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना है। 2008 में डीएमआईसीडीसी को एक कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया।
- डीएफसी के आसपास औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे, इसमें राजस्थान में प्रमुख दो कॉरिडोर है-खुशखेड़ा-भिवाड़ी-निमराणा और पाली-जोधपुर के बीच जोधपुर पाली मारवाड़ औद्योगिक कॉरिडोर।
पश्चिमी राजस्थान के लिए क्यों खास
- डीएमआईसी परियोजना के तहत पश्चिमी राजस्थान में रोहट क्षेत्र को प्रमुख नोड के रूप में विकसित किया जाना प्रस्तावित है। इसे जोधपुर पाली औद्योगिक कॉरिडोर नाम दिया गया है।
- डीएफसी यानी माल ढुलाई के लिए मारवाड़ जंक्शन प्रमुख केन्द्र होगा। महाराष्ट्र, गुजरात से होकर राजस्थान आने वाली मालगाड़ियां मारवाड़ जंक्शन होकर गुजरेगी। मारवाड़ जंक्शन से माल की चढ़ाई-ढुलाई की जाएगी।
- जोधपुर पाली मारवाड़ औद्योगिक कॉरिडोर को मारवाड़ जंक्शन से रेलवे लाइन से जोड़ा जाएगा।
- जेपीएमआईए की विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में तैयार माल मारवाड़ जंक्शन तक पहुंचाया जाएगा। वहां से मालगाड़ियों द्वारा कम समय में विभिन्न शहरों तक पहुंचाया जा सकेगा।
- जोधपुर, पाली, बाड़मेर, जालोर समेत आसपास के शहर डीएमआईसी के जरिए माल देश के विभिन्न शहरों में कम समय और लागत में पहुंचा सकेंगे।
पाली को क्या होगा फायदा
- रोहट के निकट प्रस्तावित जेपीएमआईए में बड़ी-बड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर की औद्योगिक इकाइयां स्थापित होंगी।
- औद्योगिक इकाइयों में हजारों की संख्या में रोजगार के अवसर खुलेेंगे। पहले चरण में करीब 40 हजार तथा तीनों चरणों में दो लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
- जोधपुर के साथ-साथ पाली भी आर्थिक रूप से प्रगति कर सकेगा।
- जोधपुर का हैंडीक्राट, बालोतरा की रिफायनरी, पाली का टैक्सटाइल और पत्थर उद्योग, जालोर के ग्रेनाइट उद्योग को भी पंख लगेंगे।
- पाली देश के प्रमुख औद्योगिक केन्द्र के रूप में देश और दुनिया के निवेशकों की नजरों में आएगा।
- पश्चिमी राजस्थान का औद्योगिक हब, हजारों को मिलेगा रोजगार
- डीएमआईसी के तहत प्रदेश में दो कॉरिडोर विकसित किए जाने हैं। इसमें पहला खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराणा और दूसरा जोधपुर पाली मारवाड़ औद्योगिक कॉरिडोर है। यह कॉरिडोर पश्चिमी राजस्थान का औद्योगिक हब बनेगा, जिसमें हजारों लोगों को रोजगार मिल सकेगा। यहां कई अंतर राष्ट्रीय स्तर की कंपनियां निवेश करेगी। कॉरिडोर के मानक अंतर राष्ट्रीय स्तर के बताए जा रहे हैं।
2023 में पहला चरण होना था शुरू, अब पकड़ेगा गति
डीएमआईसी के तहत जोधपुर पाली मारवाड़ औद्योगिक कॉरिडोर तीन चरणों में पूरा होगा। पहला चरण वर्ष 2023 में शुरू होना प्रस्तावित था, लेकिन केन्द्र व राज्य सरकारों ने गंभीरता से नहीं लिया। इस कारण पहले चरण में देरी हुई। हाल ही में राज्य सरकार ने भी 275 करोड़ रुपए पानी की पाइप लाइन और 48 एमएलडी प्लांट के लिए घोषणा की है। इसके अलावा आधारभूत विकास के लिए भी राज्य सरकार ने 150 करोड़ रुपए का बजट में प्रावधान किया है। रोहट क्षेत्र के पांच गांव निंबली ब्राह्मणान, रोहट, दूदली, सिंगारी और डूंगरपुर के गांवों की जमीन अवाप्त की जा रही है।टॉपिक एक्सपर्ट
प्रगति करेगा पालीऔद्योगिक कॉरिडोर पाली को प्रगति के पथ पर तेजी से ले जाएगा। अभी तो पाली में चुनिंदा उद्योग-धंधे चल रहे हैं। कॉरिडोर बनने के बाद यहां कई विकल्प खुलेंगे। सबसे बड़ा लाभ होगा कि पाली का माल देश के प्रमुख शहरों में कम समय और लागत में पहुंच सकेगा। इससे लागत कम आएगी। रोजगार के लिए भी यह बेहतर साबित होगा।
- भंवर चौधरी, डेयरी उद्यमी
पाली में वर्तमान में केवल कपड़ा उद्योग है। रोहट के निकट औद्योगिक कॉरिडोर विकसित होने से पाली में भी कई नए उद्योग स्थापित हो सकेंगे। जोधपुर से पाली तक औद्योगिक क्षेत्र विकसित होगा। कई कंपनियां अपने वेयरहाऊस बनाएंगी। कई निवेशक आएंगे। रोजगार भी बड़ी मात्रा में उपलब्ध होगा। पाली के भविष्य के लिए यह कॉरिडोर सुनहरा साबित होगा।