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पाली के इस अधिकारी ने देशभर में ऊँचा किया नाम गर्ग पाली जिले के मुंडारा निवासी है। उन्होंने फालना कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। निष्ठावान और कर्तव्यपरायण ऑफिसर्स में शुमार गर्ग अब तक दर्जनों पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।
कई पुरस्कार पा चुके हैं गर्ग वर्ष 1992 में आईपीएस बने गर्ग ने अब तक कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। प्रतिभा के धनी गर्ग ने जहां कहीं पोस्टिंग रही, वहां पाली जिले का नाम रोशन किया। वर्ष 1995 में अरुणाचल प्रदेश में बेहतर सेवाओं के कारण तत्कालीन राज्यपाल ने उन्हें स्पेशल ड्यूटी मेडल से नवाजा। वर्ष 1998 में दिल्ली में पदस्थापन के दौरान पुलिस आधुनिकीकरण के लिए किए गए प्रयोगों की काफी सराहना हुई। 2001 में संसद पर हुए अटैक के दौरान वे पहले ऑफिसर थे जो कमांडो के साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे। पांडीचेरी में उप राज्यपाल की सुरक्षा के दौरान भी उनकी सेवाएं काबिले तारीफ रहीं। दिल्ली में आयेाजित हुए कॉमनवेल्थ खेलों में भी गर्ग को कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वर्ष 2014 में गोवा प्रदेश के आईजीपी पद पर भी रहे। इस दौरान उन्होंने कानून व्यवस्था के लिए बेहतर काम किया।