तंत्र साधना के लिए खास महत्व
गुप्त नवरात्र में तंत्र साधना का विशेष महत्व बताया गया है। माघ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के साथ ही गुप्त नवरात्र की शुरुआत होगी। गुप्त नवरात्र में तांत्रिक गुप्त साधना करते हैं। पंडितों का कहना है कि मां दुर्गा के कुछ विशेष कामना पूर्ति मंत्रों का वर्णन देवी भागवत पुराण में मिलता है। समस्याओं के निवारण के लिए इन मंत्रों का जप लाभकारी माना गया है। गुप्त नवरात्रि आषाढ़ और माघ माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। इस बार 12 फ रवरी से प्रारंभ होकर 21 फ रवरी तक गुप्त नवरात्र में कुंभ का सूर्य और संक्रांति है। मंगल के धनिष्ठा नक्षत्र में धनदायक है। साथ ही शतभिषा नक्षत्र दोपहर 2 बजे से प्रारंभ हो जाएगा।
गुप्त नवरात्र में तंत्र साधना का विशेष महत्व बताया गया है। माघ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के साथ ही गुप्त नवरात्र की शुरुआत होगी। गुप्त नवरात्र में तांत्रिक गुप्त साधना करते हैं। पंडितों का कहना है कि मां दुर्गा के कुछ विशेष कामना पूर्ति मंत्रों का वर्णन देवी भागवत पुराण में मिलता है। समस्याओं के निवारण के लिए इन मंत्रों का जप लाभकारी माना गया है। गुप्त नवरात्रि आषाढ़ और माघ माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। इस बार 12 फ रवरी से प्रारंभ होकर 21 फ रवरी तक गुप्त नवरात्र में कुंभ का सूर्य और संक्रांति है। मंगल के धनिष्ठा नक्षत्र में धनदायक है। साथ ही शतभिषा नक्षत्र दोपहर 2 बजे से प्रारंभ हो जाएगा।
साल में चार नवरात्र
साल में कुल चार बार नवरात्र में दो बार प्रकट नवरात्र और दो बार गुप्त नवरात्र आते हैं। पंडितों के अनुसार चैत्र और अश्विन माह में आने वाले नवरात्र प्रकट नवरात्र होते हैं, जो आद्यशक्ति की आराधना के लिए विशेष फ लदायी माने जाते हैं। इसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना होती है। इसी प्रकार आषाढ़ और माघ माह में गुप्त नवरात्र गुप्त साधना के लिए फ लदायी माने जाते हैं।
साल में कुल चार बार नवरात्र में दो बार प्रकट नवरात्र और दो बार गुप्त नवरात्र आते हैं। पंडितों के अनुसार चैत्र और अश्विन माह में आने वाले नवरात्र प्रकट नवरात्र होते हैं, जो आद्यशक्ति की आराधना के लिए विशेष फ लदायी माने जाते हैं। इसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना होती है। इसी प्रकार आषाढ़ और माघ माह में गुप्त नवरात्र गुप्त साधना के लिए फ लदायी माने जाते हैं।