दस से 12 एम्बुलेंस में सिस्टम लगाया, नहीं लगाया तो एम्बुलेंस सीज
पाली में इस माह की तीस तारीख तक सभी एम्बुलेंस में जीपीएस लगाना जरूरी है, ऐसा नहीं करने पर एक जुलाई से उनका वाहन सीज कर दिया जाएगा। लेकिन पाली में खुद परिवहन विभाग को पता नहीं है कि जिले में कितनी एम्बुलेंस में जीपीएस सिस्टम लगाना है। साथ ही जिले में कितनी एम्बुलेंस कबाड़ हुई, यह डाटा भी विभाग के पास नहीं है। ऐसे में जो एम्बुलेंस सामने आएगी, उसमें सिस्टम लगा दिया जाएगा। फिलहाल पाली के बांगड़ अस्पताल की 12 एम्बुलेंस में यह सिस्टम लगा दिया गया है।
पाली में इस माह की तीस तारीख तक सभी एम्बुलेंस में जीपीएस लगाना जरूरी है, ऐसा नहीं करने पर एक जुलाई से उनका वाहन सीज कर दिया जाएगा। लेकिन पाली में खुद परिवहन विभाग को पता नहीं है कि जिले में कितनी एम्बुलेंस में जीपीएस सिस्टम लगाना है। साथ ही जिले में कितनी एम्बुलेंस कबाड़ हुई, यह डाटा भी विभाग के पास नहीं है। ऐसे में जो एम्बुलेंस सामने आएगी, उसमें सिस्टम लगा दिया जाएगा। फिलहाल पाली के बांगड़ अस्पताल की 12 एम्बुलेंस में यह सिस्टम लगा दिया गया है।
पैनिक बटन भी लगाना होगा एम्बुलेंस में
एम्बुलेंस वाहनों में अब एक पैनिक बटन भी लगाना होगा। रास्ते में किसी तरह की परेशानी होने की स्थिति में इस बटन का उपयोग मरीज के परिजन कर सकेंगे। इस बटन के जरिए सूचना सीधे पुलिस व परिवहन विभाग तक पहुंचेगी। यह लोकेशन ट्रेकिंग सिस्टम राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र से जोड़ा जा रहा है। साथ ही वाहन सॉफ्टवेयर से इंटीग्रेट एवं नेटवर्किंग करते हुए परिवहन मुख्यालय जयपुर स्तर पर से मॉनिटरिंग की जाएगी। कोरोना महामारी में मरीजों और परिजनों के लिए यह प्रयोग कारगर साबित होगा।
एम्बुलेंस वाहनों में अब एक पैनिक बटन भी लगाना होगा। रास्ते में किसी तरह की परेशानी होने की स्थिति में इस बटन का उपयोग मरीज के परिजन कर सकेंगे। इस बटन के जरिए सूचना सीधे पुलिस व परिवहन विभाग तक पहुंचेगी। यह लोकेशन ट्रेकिंग सिस्टम राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र से जोड़ा जा रहा है। साथ ही वाहन सॉफ्टवेयर से इंटीग्रेट एवं नेटवर्किंग करते हुए परिवहन मुख्यालय जयपुर स्तर पर से मॉनिटरिंग की जाएगी। कोरोना महामारी में मरीजों और परिजनों के लिए यह प्रयोग कारगर साबित होगा।
काम शुरू, कबाड़ एम्बुलेंस की जानकारी नहीं
एम्बुलेंस में जीपीएस व पेनिक बटन जरूरी है, इसे लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। लेकिन जिले में कितनी एम्बुलेंस है। इनमें कबाड़ एम्बुलेंस कितनी है, इसकी जानकारी नहीं है। – राजेन्द्र दवे, जिला परिवहन अधिकारी, पाली।
एम्बुलेंस में जीपीएस व पेनिक बटन जरूरी है, इसे लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। लेकिन जिले में कितनी एम्बुलेंस है। इनमें कबाड़ एम्बुलेंस कितनी है, इसकी जानकारी नहीं है। – राजेन्द्र दवे, जिला परिवहन अधिकारी, पाली।