पाली

खेल मैदानों की दशा सुधारो सरकार, हम भी बनें ओलंपियन

पत्रिका अभियान :

पालीAug 07, 2021 / 09:45 am

Suresh Hemnani

खेल मैदानों की दशा सुधारो सरकार, हम भी बनें ओलंपियन

पाली। ओलंपिक खेलों में पांच पदक हासिल करने के बाद इन दिनों हर कोई खेलप्रेम में डूबा हुआ है। पदकों की संख्या कई अन्य देशों के मुकाबले भले ही कम है, लेकिन हॉकी-कुश्ती समेत अन्य खेलों में बेहतर प्रदर्शन से खिलाडिय़ों में उत्साह का संचार हुआ है। अब यहां के खिलाड़ी उम्मीद कर रहे हैं कि स्थानीय स्तर पर भी खेलों को बढ़ावा मिलेगा और उनके दिन फिरेंगे। हैरानी की बात है कि खेलों को लेकर जिला प्रशासन कभी सक्रिय नहीं दिखाई देता। बैठकों में महज औपचारिकताएं नजर आती है। पाली में खिलाडिय़ों की मुश्किलें यथावत है। यहां तक की जनप्रतिनिधियों को भी खिलाडिय़ों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। बांगड़ स्टेडियम में व्याप्त समस्याएं इसका नमूना है।
घर से लाते हैं पानी, प्रशासन बेफिक्र
जिला मुख्यालय पर खेल मैदान के तौर पर सबसे बड़ी जगह है बांगड़ स्टेडियम। यहां प्रतिदिन करीब दो सौ खिलाड़ी नियमित रूप से अभ्यास के लिए आते हैं। मैदान में सुविधाओं के नाम पर ज्यादा कुछ नहीं है। दीवारें टूटी होने और गार्ड के अभाव में मवेशी विचरण करते हैं। खिलाडिय़ों के लिए स्पोर्टस काउंसिल की ओर से महज दो कोच नियुक्त किए हुए हैं। छह-सात शारीरिक शिक्षक भी यहां दिखावे के तौर पर नियुक्त है। खिलाडिय़ों के लिए यहां पीने का पानी भी नहीं मिलता। वे अपने घर से बोतलें भर कर लाते हैं। पानी की व्यवस्था को लेकर खिलाड़ी कई बार गुहार लगा चुके, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की।
ये समस्याएं बड़ी
-खिलाडिय़ों के लिए पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं।
-स्टेडियम में सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। गार्ड के अभाव में असुरक्षा का भय रहता है।
-शौचालय का अभाव। स्टेडियम के बाहर सार्वजनिक शौचालय बना हुआ है जो काफी दूरी पर है।
-स्टेडियम के भीतर घास नहीं होने से खिलाडिय़ों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है।
-साफ-सफाई भी पर्याप्त है। स्टेडियम की कई दीवारें टूटी हुई है।
-स्टेडियम में गाय और अन्य पशुओं का जमावड़ा रहता है।
बोले खिलाड़ी : सुविधाएं दो, हम भी बनेंगे ओलंपियन
मैदान में व्यवस्थाएं ठीक नहीं है। पानी का पानी भी उपलब्ध नहीं रहता। पानी के लिए हमेशा परेशान होना पड़ता है।
सरीता टाक, खिलाड़ी

मैदान में सुरक्षा व्यवस्था सुचारू नहीं है। आवारागर्दी करने वाले आ जाते हैं। इससे लड़कियों को खेलने में परेशानी होती है। –निखिलराज जयपाल, खिलाड़ी
पानी के अभाव में हम तो परेशान होते ही हैं, लेकिन छोटे बच्चों को ज्यादा परेशानी होती है। वे पानी के बिना ठीक से खेल नहीं पाते। –हेमलता शर्मा, खिलाड़ी

स्टेडियम परिसर में बनीं प्याऊ हमेशा बंद ही रहती है। कोच भी नहीं है। खेलों को बढ़ावा देने के लिए सुविधाएं पर्याप्त होनी चाहिए। –रोहित ओड, खिलाड़ी
जिम्मेदार बोले : गार्ड के लिए कई बार कह दिया
स्टेडियम में सुरक्षा के लिए गार्ड जरूरी है। इसके लिए नगर परिषद और जिला प्रशासन को कई बार लिख दिया। पत्र लिखकर थक चूके, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। स्पोट्र्स काउंसिल ने दो कोच नियुक्त कर रखे हैं। कुछ शारीरिक शिक्षकों को भी लगाया हुआ है। –ओमप्रकाश बारिया, जिला खेल अधिकारी, पाली
खेलों के अनुकूल माहौल बनाएं
खेलों के अनुकूल माहौल जरूरी है। स्टेडियम में कई तरह की व्यवस्थाओं में सुधार किया जाना चाहिए। खिलाडिय़ों को सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे तो यहां कई प्रतिभाएं उभरेंगी। इसके लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। –राजेश पाटनेचा, सचिव, जिला टेनिस संघ

Hindi News / Pali / खेल मैदानों की दशा सुधारो सरकार, हम भी बनें ओलंपियन

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.