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पाली

जिद और जुनून से चेलावास के किसान गोरधन ने खुद लिखी अपनी तकदीर

-अनार के बाग के बीच किए कई प्रयोग

पालीDec 23, 2020 / 09:41 am

Suresh Hemnani

जिद और जुनून से चेलावास के किसान गोरधन ने खुद लिखी अपनी तकदीर

जिद और जुनून से चेलावास के किसान गोरधन ने खुद लिखी अपनी तकदीर

पाली/मारवाड़ जंक्शन। किसान जब जिद और जुनून की हद पार करता है तो नई इबारत लिख देता है। तकदीर बदल देता है। प्रकृति और तंत्र की उपेक्षा झेलकर भी वह चट्टान की भांति अपने मजबूत इरादे जाहिर किए बिना नहीं रहता। वो ही किसान फिर कामयाबी की मिसाल कायम करता है। पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के चेलावास गांव के गोरधनसिंह रावणा राजपूत ने खेती में ऐसे ही नए आयाम स्थापित किए हैं। पारम्परिक खेती से जहां सालाना 1 से 2 लाख रुपए की आय होती थी। वहीं अब नवाचार से खेती फायदे का सौदा साबित हो रही है।
किसान गोरधन ने अपनी मेहनत और जिद से बंजर भूमि को भी उपजाऊ बना दिया। जो खेत पहले उजड़ा था वह अब लहलहा रहा है। बंजर भूमि पर उगे हुए अनार के हजारों पौधे गोरधन के मेहनत की कहानी बयां कर रहे हैं। चेलावास के गोरधन ने परंपरागत खेती से हटकर नया करने की ठानी। इसी दिशा में बढ़ते हुए उन्होंने सर्वप्रथम अपनी बंजर जमीन पर अनार के साढ़े तीन हजार पौधे उगाए। अनार के बीच सागवान के पौधे भी लगा दिए। वर्तमान में करीब 4 हजार सागवान के पौधे लगे हुए हैं। इन्हीं के बीच नारियल, आम, मौसमी व निम्बू के पौधे उगाने का भी नवाचार किया।
जैविक पर आधारित खेती
खास बात यह कि यह खेती पूरी से जैविक है। अनार के हर साल एक पौधे में 30 से 35 किलो गोबर खाद व बैक्टीरिया खाद देते हैं। इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। गोरधन का कहना है कि भविष्य में जैविक खेती ही हमारा मजबूत आधार होगा। इस बार अनार की अच्छी पैदावार होगी। फलदार पौधों की छोटी नर्सरी भी बना रखी है। वे सब्जियों की पौध भी अगले साल से शुरू कर रहे हैं।
स्ट्रॉबेरी की फसल भी उगाई
गोरधन ने 5 साल पहले चेलावास गांव में मात्रा आधा बीघा जमीन में स्ट्रॉबेरी की खेती की। इसमें करीब ढाई लाख रुपए की पैदावार हुई। खजूर के करीब ढाई सौ पौधे भी लगाए जो अब 3 साल के हो चुके हैं। गोरधन खेती में व्यस्त रहते हैं। वे किसानों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं। अब उनकी सालाना आय 18 से 20 लाख है।
मौसम की भी देते हैं जानकारी
गोरधनसिंह कृषि व मौसम से पीएचडी भी कर रहे हैं। वे किसानों को मौसम की जानकारी भी देते हैं। उन्होंने खुद का यूट्यूब चैनल बना रखा है जिसके जरिए प्रदेश के हजारों किसानों को जागरूक कर रहे हैं। गोरधन को काजरी ने भी सम्मानित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लाइव कॉन्फ्रेंसिंग कर चुके हैं। गोरधनसिंह का कहना है कि किसान आधुनिकता की ओर कदम बढ़ा कर खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

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