इन विभागों के आएंगे चिकित्सक
डीएनबी डिप्लोमा करने के लिए सभी विभागों के चिकित्सक नहीं आएंगे। इसके लिए पाली के बांगड़ मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में पांच विभागों को तैयार किया गया है। इनमें मेडिसन विभाग के साथ ही पीडयट्रीक्ट, गायनिक, टीबी और चेस्ट तथा नाक, कान व गला (इएनटी) विभाग शामिल है।
डीएनबी डिप्लोमा करने के लिए सभी विभागों के चिकित्सक नहीं आएंगे। इसके लिए पाली के बांगड़ मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में पांच विभागों को तैयार किया गया है। इनमें मेडिसन विभाग के साथ ही पीडयट्रीक्ट, गायनिक, टीबी और चेस्ट तथा नाक, कान व गला (इएनटी) विभाग शामिल है।
पाठ्यक्रम के लिए कॉलेज जरूरी नहीं
डीएनबी की मान्यता लेकर इसका कोर्स कराने के लिए मेडिकल कॉलेज होना जरूरी नहीं है। इसके डिप्लोमा को कराने के लिए निजी व सरकारी अस्पताल भी आवेदन कर सकते है। उनको उन शर्तों को पूरा करना होता है, जो एनबीइ की ओर से कहा जाता है। ऐसे में यह मान्यता बांगड़ चिकित्सालय के आधार पर मिल सकेगी।
डीएनबी की मान्यता लेकर इसका कोर्स कराने के लिए मेडिकल कॉलेज होना जरूरी नहीं है। इसके डिप्लोमा को कराने के लिए निजी व सरकारी अस्पताल भी आवेदन कर सकते है। उनको उन शर्तों को पूरा करना होता है, जो एनबीइ की ओर से कहा जाता है। ऐसे में यह मान्यता बांगड़ चिकित्सालय के आधार पर मिल सकेगी।
मरीजों को यह होगा लाभ
इस डिप्लोमा में अभी पाली के पांच विभाग में 70 एमबीबीएस के आने पर मरीजों को लाभ होगा। वे वरिष्ठ चिकित्सकों व प्रोफेसर्स के पास अध्ययन करेंगे। इसके साथ ही उनकी ड्यूटी भी चिकित्सालय के विभिन्न विभागों में लगाई जा सकेगी। जिसका सीधा लाभ मरीजों को मिलेगा।
इस डिप्लोमा में अभी पाली के पांच विभाग में 70 एमबीबीएस के आने पर मरीजों को लाभ होगा। वे वरिष्ठ चिकित्सकों व प्रोफेसर्स के पास अध्ययन करेंगे। इसके साथ ही उनकी ड्यूटी भी चिकित्सालय के विभिन्न विभागों में लगाई जा सकेगी। जिसका सीधा लाभ मरीजों को मिलेगा।
निरीक्षण के लिए 28 को आएगा दल
डीएनबी डिप्लोमा की मान्यता देने से पहले एनबीइ का निरीक्षण दल 28 दिसम्बर को आएगा। उसके निरीक्षण के बाद मान्यता मिल सकेगी। हमने इसके लिए पूरी तैयारी की है। जो थोड़ी कमी है, उसे पूरा कर लिया जाएगा। –डॉ. हरीश आचार्य, प्राचार्य एवं नियंत्रक, मेडिकल कॉलेज, पाली
डीएनबी डिप्लोमा की मान्यता देने से पहले एनबीइ का निरीक्षण दल 28 दिसम्बर को आएगा। उसके निरीक्षण के बाद मान्यता मिल सकेगी। हमने इसके लिए पूरी तैयारी की है। जो थोड़ी कमी है, उसे पूरा कर लिया जाएगा। –डॉ. हरीश आचार्य, प्राचार्य एवं नियंत्रक, मेडिकल कॉलेज, पाली