पाली देसूरी रोड सबसे अधिक खतरनाक
पाली से देसूरी जाने वाला मेगा हाइवे सबसे अधिक खतरनाक है। यहां पाली के हेमावास व देसूरी के पास टोल बना हुआ है। रोड पर मवेशियों का राज है। पिछले एक माह में पांच जनों की मौत इस मेगा हाइवे पर मवेशियों के टकराने से हुई है। टोल कम्पनियां केवल टोल वसूलने का काम कर रही है। कोई भी मवेशी हटाने की दिशा में काम नहीं कर रहा है। जबकि हाइवे से मवेशियों को हटाने का काम टोल कम्पनी की जिम्मेदारी है, लेकिन ये कम्पनियां रोजाना लाखों रुपए टोल वसूलने के बाद भी अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।
पाली से देसूरी जाने वाला मेगा हाइवे सबसे अधिक खतरनाक है। यहां पाली के हेमावास व देसूरी के पास टोल बना हुआ है। रोड पर मवेशियों का राज है। पिछले एक माह में पांच जनों की मौत इस मेगा हाइवे पर मवेशियों के टकराने से हुई है। टोल कम्पनियां केवल टोल वसूलने का काम कर रही है। कोई भी मवेशी हटाने की दिशा में काम नहीं कर रहा है। जबकि हाइवे से मवेशियों को हटाने का काम टोल कम्पनी की जिम्मेदारी है, लेकिन ये कम्पनियां रोजाना लाखों रुपए टोल वसूलने के बाद भी अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।
केस-1- बाइक चालक की गई जान
जुलाई में जगदीश पुत्र मोटाराम प्रजापत निवासी माण्डीगढ़ अपनी बाइक को देसूरी में सर्विस कराने के बाद अपने घर माण्डीगढ़ जा रहा था। घाणेराव के लीलाबाई पशु चिकित्सालय के पास मवेशी को बचाने के चक्कर में उसकी बाइक मवेशी से टकरा गई, हादसे में उसकी मौत हो गई।
जुलाई में जगदीश पुत्र मोटाराम प्रजापत निवासी माण्डीगढ़ अपनी बाइक को देसूरी में सर्विस कराने के बाद अपने घर माण्डीगढ़ जा रहा था। घाणेराव के लीलाबाई पशु चिकित्सालय के पास मवेशी को बचाने के चक्कर में उसकी बाइक मवेशी से टकरा गई, हादसे में उसकी मौत हो गई।
केस-2- दो दोस्त की मवेशियों की वजह से गई जान
12 जुलाई को देसूरी के नारलाई नाडोल मार्ग पर एक बाइक बेसहारा गोवंश से टकरा गई थी। हादसे में मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के दो दोस्तों की मौत हो गई थी। इस मेगा हाइवे से टोल कम्पनियां बेसहारा मवेशियों को नहीं हटा रही है। इस कारण आए दिन हादसे होते है।
12 जुलाई को देसूरी के नारलाई नाडोल मार्ग पर एक बाइक बेसहारा गोवंश से टकरा गई थी। हादसे में मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के दो दोस्तों की मौत हो गई थी। इस मेगा हाइवे से टोल कम्पनियां बेसहारा मवेशियों को नहीं हटा रही है। इस कारण आए दिन हादसे होते है।
केस-3 – मवेशी से टकराई बाइक, गई जान
5 अगस्त को देसूरी-पाली मेगा हाइवे मार्ग पर गोवंश के टकराने से बाइक सवार 38 वर्षीय देसूरी थाना क्षेत्र के काणा गांव निवासी कैलाश मेघवाल पुत्र देवाराम की मौत हो गई। इस हाइवे पर बेसहारा मवेशियों के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं। कोई भी इन्हें हटाने की कार्रवाई नहीं कर रहा है।
5 अगस्त को देसूरी-पाली मेगा हाइवे मार्ग पर गोवंश के टकराने से बाइक सवार 38 वर्षीय देसूरी थाना क्षेत्र के काणा गांव निवासी कैलाश मेघवाल पुत्र देवाराम की मौत हो गई। इस हाइवे पर बेसहारा मवेशियों के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं। कोई भी इन्हें हटाने की कार्रवाई नहीं कर रहा है।
शहर में भी मवेशी राज, हर रोज मौतें
पाली शहर में भी मवेशी राज है। हर रोज हादसों में जिले में मौतें हो रही है। हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद पाली शहर की सडक़ों व हाइवे से मवेशी नहीं हट रहे हैं। इन दिनों बारिश के चलते गोशालाओं से गोवंश सडक़ों पर छोड़ दिया जाता है। ऐसे में बेसहारा मवेशियों की भरमार हो गई है।
पाली शहर में भी मवेशी राज है। हर रोज हादसों में जिले में मौतें हो रही है। हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद पाली शहर की सडक़ों व हाइवे से मवेशी नहीं हट रहे हैं। इन दिनों बारिश के चलते गोशालाओं से गोवंश सडक़ों पर छोड़ दिया जाता है। ऐसे में बेसहारा मवेशियों की भरमार हो गई है।
आंकड़ा सडक़ हादसों व मौतों का
वर्ष हादसे घायल मौत
2017 663 664 436
2018 626 627 357
2019 686 859 378
2020 575 309 377
2021 243 253 140
(आंकड़े मई 2021 तक)
वर्ष हादसे घायल मौत
2017 663 664 436
2018 626 627 357
2019 686 859 378
2020 575 309 377
2021 243 253 140
(आंकड़े मई 2021 तक)