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जिनकी रोग प्रतिकारक क्षमता कमजोर उसे हो सकता है इन्फलुएंजा

पाली. सर्दी के मौसम में जिन लोगों में रोग प्रतिकारक क्षमता कमजोर होती है। उन लोगों को अपनी सेहत का ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। इस ठंड में रोग प्रतिकारक क्षमता कमजोर व्यक्ति को इन्फलुएंजा हो सकता है। इन्फलुएंजा को फ्लू भी कहा जाता है। यह एक वायरल बीमारी है। जो ज्यादातर सर्दी के मौसम में […]

पालीNov 26, 2016 / 11:23 am

rajendra denok

पाली. सर्दी के मौसम में जिन लोगों में रोग प्रतिकारक क्षमता कमजोर होती है। उन लोगों को अपनी सेहत का ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। इस ठंड में रोग प्रतिकारक क्षमता कमजोर व्यक्ति को इन्फलुएंजा हो सकता है। इन्फलुएंजा को फ्लू भी कहा जाता है। यह एक वायरल बीमारी है। जो ज्यादातर सर्दी के मौसम में ही फैलती है। यह रोग प्रतिकारक क्षमता कमजोर व्यक्ति के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है। इस रोग से ज्यादातर 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चें, 65 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्ध, गर्भवती महिलाएं, मधुमेह, गुर्दा व एचआईवी रोगी व फेफड़ो और हृदय रोग के मरीज।

यह लक्षण आएंगे नजर

वैसे तो फ्लू वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोग लगभग एक सप्ताह बाद पूरी तरह से स्वस्थ हो जाते है। इसके बाद भी इसके होने पर लक्षण सर्दी-जुखाम के लक्षणों के समान ही होते है। लेकिन वे ज्यादा गंभीर होते है। फ्लूू में अस्वस्थता जल्दी आती है। एक दिन के अंदर ही लक्षण तीव्र हो जाते है, बहती नाक, कफ, थकान व मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, लगातार उल्टिया, चक्कर आना व त्वचा का नीला पड़ जाना।
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इन्फलुएंजा हो तो क्या करें

– समय पर डॉक्टरी इलाज लेवें

– आराम करें, क्योंकि फ्लू संक्रमित होता है। घर पर रहने का निर्णय स्वास्थ्य-लाभ के साथ-साथ दूसरों को संक्रमित न होने में सहायक होता है।

– अधिक पानी पीए, बुखार होने से शरीर में निर्जनीकरण हो जाता है। इस कमी को पूरा करने के लिए सामान्य से अधिक जल ग्रहण करें।

कैसे करे बचाव

– अपने हाथों को साबुन से बार-बार धोवें।

– वस्तुओं का बांटकर प्रयोग ना करें।

– खांसते और छींकते समय अपने मुंह और नाक को रूमाल से ढके।

– इन्फ्लुएंजा होने के मौसम के पहले टीकाकरण करवाए

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