बांध में इतना पानी आने से पाली व जालोर जिले की 38671 हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। इसमें पाली जिले के 33 गांवों की 25825.40 हैक्टेयर व जालोर जिले के 24 गांवों की 12845.60 हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी। बांध के पानी से दोनों जिलों के करीब 38600 किसानों को लाभ होगा। गौरतलब है कि जवाई बांध से पिछले साल भी सिंचाई का पूरा पानी मिला था।
दो बांध से 12 हजार हैक्टेयर में सिंचाई
अंग्रेजी शासन काल में 100 से अधिक साल पहले बने दूसरा सबसे बड़ा बांध सरदारसमंद 30 साल बाद छलका। उससे 10 हजार 325 हैक्टेयर में सिंचाई होगी। वहीं खारड़ा बांध से 2451 हैक्टेयर में फसलों को पानी मिलेगा। जवाई, सरदारसमंद व खारड़ा से पानी देने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।सेई में अब पानी कम
जवाई बांध के सहायक सेई बांध से लगातार पानी की आवक हुई है। सेई बांध में 3.60 मीटर (516.25 एमसीएफटी) पानी है। इसमें से 373.42 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज में रहेगा। जवाई में अब करीब 142.83 एमसीएफटी पानी डायवर्ट हो पाएगा। इसमें से जवाई बांध तक करीब 60 प्रतिशत पानी ही पहुंचेगा। इस कारण जवाई बांध में पूरा भरने के लिए शेष 327.50 एमसीएफटी पानी आना मुश्किल है।जवाई बांध जल वितरण समिति की बैठक 24 को
जवाई बांध से रबी फसल के लिए पानी देने एवं पीने के पानी के आरक्षण को लेकर जल वितरण/उपयोगिता समिति की बैठक संभागीय आयुक्त पाली की अध्यक्षता में 24 अक्टूबर को होगी। बैठक दोपहर 2 बजे जवाई बांध विश्राम गृह पर होगी। इसी तरह सरदारसमंद बांध जल वितरण समिति की बैठक 25 अक्टूबर सुबह 11 बजे अतिरिक्त जिला कलक्टर सीलिंग की अध्यक्षता में राजीव गांधी सेवा केंद्र सरदारसमंद में होगी। खारड़ा बांध से जल वितरण को लेकर 26 अक्टूबर सुबह 11 बजे खारडा बांध निरीक्षण गृह पर बैठक कर निर्णय किया जाएगा।इनका कहना है
जवाई बांध सहित सरदारसमंद व खारड़ा बांध में भी पूरा पानी है। इससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा। जल वितरण को लेकर बैठकें की जाएगी।- एनआर रोत, अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन विभाग, पाली
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