वहीं, अरूसा आलम के संबंध पाकिस्तानी आईएसआई चीफ फैज हामिद के साथ भी रहे हैं। एक बार खुद फैज की पत्नी ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में रंगेहाथ पकड़ा था। उस दौरान फैज की पत्नी ने गुस्से में गोली भी चला दी थी।
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पाकिस्तानी महिला पत्रकार अरूसा आलम को लेकर भारत में खासकर पंजाब में चल रहा विवाद बढ़ता जा रहा है। पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने तो कैप्टन अमरिंदर सिंह और अरूसा आलम के रिश्तों की जांच की बात कह दी है। इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने भी अरूसा आलम की कुछ तस्वीरें जारी की हैं। इसमें वह पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी और बहू के साथ नजर आ रही है।
अरूसा आलम को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के साथ उनकी पत्नी ने ही रंगेहाथ पकड़ा था। अरूसा आलम पाकिस्तान की डिफेंस जर्नलिस्ट हैं। अरूसा, पाकिस्तान में ‘रानी जनरल’ के नाम से मशहूर अकलीन अख्तर की बेटी हैं। दावा किया जाता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह से अरूसा आलम की पहली मुलाकात 2004 में पाकिस्तान दौरे के समय हुई थी। जिसके बाद अरूसा आलम ने कई बार भारत का दौरा किया है। उन्हें अमरिंदर सिंह के साथ भी देखा गया है।
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पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद और अरूसा आलम घर पर आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए थे। आईएसआई चीफ की करतूत देख उनकी बीवी इतना गुस्सा हो गईं कि उन्होंने गोली चला दिया। इस घटना को दबाने का प्रयास किया गया लेकिन मीडिया में आ गया। जिओ टीवी के पत्रकार रहे हामिद मीर ने आईएसआई चीफ को चेतावनी दी कि अगर पत्रकारों पर और ज्यादा हमले हुए तो वे नई जनरल रानी के साथ उनके संबंधों का पूरा कच्चा चिट्ठा दुनिया के सामने ला देंगे। पाकिस्तानी पत्रकार आरोप लगाते रहते हैं कि देश की सेना के अधिकारी और राजनयिक अमेरिका में महिलाओं के साथ रात गुजारने के लिए जाते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 1960 के दशक में पाकिस्तान में एक जनरल रानी हुआ करती थीं। उनका नाम अकलीम अख्तर था। उनका तत्कालीन सैन्य तानाशाह याह्या खान के साथ संबंध काफी चर्चित था। वर्ष 1969 से लेकर वर्ष 1971 के बीच जनरल रानी अकलीम अख्तर को पाकिस्तान की सबसे शक्तिशाली महिला माना जाता था। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब भी किसी को पाकिस्तानी तानाशाह से कोई बात कहना होता था तो वह जनरल रानी से संपर्क करता था।
इसमें पाकिस्तानी नेता और नौकरशाह शामिल थे। वर्ष 1968 से लेकर 1969 के बीच चले वामपंथी आंदोलन के बाद सैन्य तानाशाह जनरल जनरल अयूब खान को देश के शासक के पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद जनरल अयूब खान ने याह्या खान को देश का नया मार्शल लॉ प्रशासक नियुक्त कर दिया। इसी समय अकलीम को मीडिया में ‘जनरल रानी’ के नाम से संबोधित किया जाने लगा। पाकिस्तानी मीडिया में दावा किया जाता है कि यही जनरल रानी’याह्या खान की औरतों और शराब की ‘भूख’ को मिटाने का काम करती थीं।