दरअसल, गिलगिट-बाल्टिस्तान में हुए चुनाव में इमरान खान ( Imran Khan ) की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ और उसकी सहयोगी मजलिस-ए-वाहदत-ए-मुस्लीमीन को करारा झटका लगा है। गिलगिट-बाल्टिस्तान की 24 सदस्यी विधानसभा में केवल 10 सीटें ही दोनों गठबंधन को मिल सकी हैं।
ऐसे में यहां पर सरकार बनाने के लिए इमरान खान को संघर्ष करना पड़ेगा। अब इमरान खान 6 अन्य निर्दलीय विधायकों (ये सभी पहले PTI के ही सदस्य रहे हैं) खरीदकर सरकार बनाने की तैयारी कर रहे हैं है।
सत्तारूढ़ दल को पहली बार नहीं मिला बहुमत
आपको बता दें कि यह पहला अवसर है जब केंद्र की सत्ता में काबिज पार्टी को गिलगिट बाल्टिस्तान के चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं मिला हो। 2009 में गिलगिट-बाल्टिस्तान की विधान सभा स्थापित की गई थी।
15 नवंबर को हुए मतदान के लिए मंगलवार को जारी आधिकारिक परिणामों के मुताबिक, इमरान खान की पार्टी PTI को 10, निर्दलीयों को 6 और PPP को एक सीट मिली है। विपक्षी पार्टियों ने चुनाव में धांधली कराने का आरोप इमरान खान पर लगाया था।
गिलगिट-बाल्टिस्तान नहीं बन सकता पूर्ण राज्य
बता दें कि इमरान सरकार न गिलगिट बाल्टिस्तान को देश का पांचवां राज्य बनाने की घोषणा की थी। हालांकि अब ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के गिलतिट-बाल्टिस्तान के प्रवक्ता शहजाद इल्हामी ने आरोप लगाया कि इमरान सरकार की पार्टी के पास देश की संसद में बहुमत नहीं है। ऐसे में वे संवैधानिक सुधारों को मंजूरी नहीं दिला सकते हैं।
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उन्होंने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि गिलगिट-बाल्टिस्तान को देश का पांचवां राज्य बनाने का दावा सिर्फ एक चुनावी स्टंट था। इधर सरकार बनाने की कोशिश में जुटी PTI के गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र के वित्तीय सचिव प्रोफेसर अजमल हुसैन ने चुनाव में धांधली के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।