पाकिस्तान

सियालकोट में भीड़ द्वारा मारे गए श्रीलंकाई ने ‘गलतफहमी के लिए मांगी थी माफी’

शुक्रवार को पाकिस्तान के सियालकोट में भीड़ ने एक श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीटकर मार दिया। भीड़ ने श्रीलंकाई नागरिक के शव को जला भी दिया। पूरी घटना होने के बाद स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए भारी पुलिस बल को इलाके में भेजा गया। सियालकोट जिले के पुलिस अधीक्षक उमर सईद मलिक ने बताया कि मृतक श्रीलंकाई नागरिक का नाम प्रियंता कुमारा था। यह घटना सियालकोट के वजीराबाद रोड पर हुई।

Dec 05, 2021 / 11:08 pm

Ashutosh Pathak

नई दिल्ली।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट शहर में शुक्रवार को हुई श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा की निर्मम हत्या मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दो प्रमुख संदिग्धों ने पुलिस के सामने फैक्टरी में निर्यात प्रबंधक पद पर नियुक्त प्रियंता कुमारा प्रबंधक की यातना और हत्या में शामिल होने की बात कबूल कर ली है। प्रियंता कुमारा जो सियालकोट के वजीराबाद रोड पर एक निजी कारखाने में प्रबंधक के रूप में काम कर रहे थे को 3 दिसंबर को ईशनिंदा के आरोपों में भीड़ द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया और उनके शव को आग लगा दी गई। जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री को शुरूआती रिपोर्ट पेश कर दी है। प्रांतीय सरकार द्वारा दी गई प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, विवाद तब सामने आया जब प्रियंता कुमारा ने सुबह 10:28 बजे कारखाने की दीवारों से कुछ पोस्टर हटा दिए। द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पोस्टरों पर पवित्र पैगंबर का नाम लिखा हुआ था।
कुछ ही देर में फैक्ट्री मालिक मौके पर पहुंचा और मामले को सुलझाया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुमारा ने अपनी ओर से गलतफहमी के लिए माफी मांगी थी। कुमारा द्वारा माफी मांगने के बाद, कथित तौर पर मामले को सुलझा लिया गया और कारखाने के कर्मचारी तितर-बितर हो गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ कार्यकतार्ओं ने अपने सहयोगियों को प्रबंधक पर हमला करने के लिए उकसाया था।
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कुछ ही मिनटों में, भीड़ ने औद्योगिक इकाई के परिसर के भीतर पीड़ित पर हमला किया और अंतत: उन्हें मार डाला। जिस समय क्रूर हमला हो रहा था, उस समय कारखाने में कुल 13 सुरक्षा गार्ड मौजूद थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनमें से किसी ने भी पीड़ित को बचाने या भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश नहीं की। कुमारा के शव को बाद में कारखाने के बाहर घसीटा गया और जला दिया गया।
अधिकारियों ने कहा कि पुलिस को घटना के बारे में सुबह 11:28 बजे एक फोन आया। उन्होंने बताया कि 12 मिनट के भीतर एक पुलिस दल घटनास्थल पर पहुंच गया। बाद में संदिग्धों को पकड़ने और गिरफ्तार करने के लिए भारी पुलिस बल को घटनास्थल पर भेजा गया।
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बताया जा रहा है कि प्रियंता कुमारा यहां एक फैक्टरी में निर्यात प्रबंधक पद पर कार्यरत थे। फैक्टरी के मजदूरों की किसी बात को लेकर निर्यात प्रबंधक प्रियंता कुमारा से विवाद शुरू हुआ। इसके बाद भीड़ हिंसक हो गई और उसने प्रियंता पर हमला कर दिया। भीड़ ने प्रियंता की पीट-पीटकर हत्या कर दी और शव को जला दिया। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में सैकड़ों पुरुष और युवा लड़के मौके पर मौजूद दिखाई दे रहे हैं।

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