जानकारी के अनुसार, इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान के प्रमुख मौलाना साद रिजवी को लाहौर में सोमवार को गिरफ्तार किया गया, जिसके विरोध में लोग लड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन किया। इस बीच हालात बिगड़ते देख पुलिस ने मोर्चा संभाला।
Pakistan: प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी, 3 की मौत, 30 से अधिक घायल
इस दौरान पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गुलाम मुहम्मद डोगर ने जानकारी देते हुए बताया है कि लाहौर के करीब शहादरा कस्बे में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुए टकराव में एक पुलिसकर्मी समेत तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि अन्य 10 पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं।
रिजवी ने इस वजह से सरकार को दी थी धमकी
आपको बता दें कि सोमवार को तहरीक-ए-लब्बैक के पाकिस्तान प्रमुख साद रिजवी की गिरफ्तारी के बाद से पाकिस्तान के कई शहरों में उग्र प्रदर्शन शुरू हो गए। मौलवी साद रिजवी ने सरकार से मांग की थी कि पैगंबर मोहम्मद का चित्र प्रकाशित किए जाने को लेकर फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से निष्कासित किया जाए।
रिजवी ने पाकिस्तान की इमरान सरकार को धमकी दी थी कि यदि राजदूत पर कार्रवाई नहीं की गई तो उग्र प्रदर्शन होंगे। इस के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए साद को गिरफ्तार कर लिया। मौलाना साद की गिरफ्तारी होते ही उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए और हिंसा शुरू कर दी। रिजवी के हजारों समर्थकों ने कई प्रमुख मार्गाें को जाम कर दिया। आम लोगों को इससे काफी परेशानी हो रही है, लेकिन प्रशासन लाचार दिख रहा।
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इधर, साद की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई हिंसा को लेकर पाकिस्तान की इमरान सरकार ने चुप्पी साध रखी है। सरकार खुलकर कुछ भी कहने से बच रही है। जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री इमरान खान डर रहे हैं कि कहीं कट्टरपंथी और उग्र न हो जाएं।
मालूम हो कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के नेता खादिम हुसैन रिजवी के निधन के बाद साद रिजवी इस संगठन के प्रमुख बने थे। खादिम रिजवी साद रिजवी के पिता थे।