यही कारण है कि इधर, भारत-चीन की सेना में टकराव की खबर सामने आई और उधर मंगलवार देर शाम खुफिया एजेंसी ISI के मुख्यालय में तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने एक खुफिया मीटिंग की। सेना के साथ इस तरह की बैठक करीब दो साल बाद हुई। मीडिया रिपोर्ट में जो बातें सामने आई है, उसके अनुसार, इस मीटिंग का एजेंडा भारत-चीन में जारी तनाव के बीच पाकिस्तानी सेना की क्या भूमिका हो सकती है इसपर विचार करना था।
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पाकिस्तानी अखबार डॉन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर ब्रीफिंग के लिए ISI के मुख्यालय में तीनों सेनाओं के प्रमुखों का इस तरह साथ आना काफी दुर्लभ है। कभी-कभी ऐसा मौका आता है, जब इस तरह से देखने को मिलता है।
बैठक में तीनों सेना प्रमुख और ISI के अधिकारी रहे मौजूद
इधर, पाकिस्तानी सेना ने बयान जारी करते हुए कहा है कि तीनों सेनाओं के प्रमुखों के बीच हुई इस बैठक का मुख्य एजेंडा नियंत्रण रेखा और कश्मीर के हालात पर चर्चा करना था। बता दें कि इस बैठक में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर जावेद बाजवा, नेवी चीफ जफर महमूद अब्बासी और वायुसेना प्रमुख मार्शल मुजाहिद अनवर खान शामिल हुए।
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इसके अलावा पाकिस्तानी की सेना और खुफिया एजेंसी ISI के कई अन्य आला अधिकारी भी मौजूद रहे। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, आम तौर पर तीनों सेनाओं के प्रमुख जॉइंट चीफ ऑफ स्टॉफ की कमेटी में मिलते हैं जिसकी बैठक अंतिम बार जुलाई 2018 में हुई थी।
गलवान घाटी में तनाव
आपको बता दें कि लद्दाख सीमा के गलवान घाटी में सोमवार की रात चीन और भारतीय सेना आमने-सामने आ गई। इस दौरान हिंसक झड़प हुई। इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए वहीं, चीन के 43 जवान हताहत हुए हैं। हालांकि चीन ने आधिकारिक पुष्टि में ये नहीं बताया कि कितने सैनिक मारे गए, लेकिन इतना बताया कि उनके भी सैनिक मारे गए हैं।