जबकि बीते दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक साक्षात्कार में इस बात को स्वीकार किया था कि अमरीकी सैनिकों को ओसामा बिन लादेन तक पहुंचने में ISI ने मदद की थी।
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अब आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान से आ रहे इस दौहरे बयान से साफ है कि सरकार और मीडिया के बीच समन्वय नहीं है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर पाकिस्तान फिक्रमंद भी नहीं है।
पाक मीडिया ने किया दावा
पाकिस्तानी अखबार ‘द न्यूज’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि आतंकवादी गुट अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपे होने की जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को नहीं थी।
पाकिस्तान के शीर्ष स्तर के एक सुरक्षा अधिकारी (सेवानिवृत्त) के हवाले से रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि ISI के पास ओसामा बिन लादेन के एबटाबाद में होने की जानकारी नहीं थी।
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रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में एक टेलीविजन साक्षात्कार के दौरान वाशिंगटन में कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से मिली जानकारी से CIA को ओसामा बिन लादेन के करीब पहुंचने में मदद मिली।
नाम न बताने की शर्त पर सेवानिवृत्त अधिकारी ने अखबार को बताया कि पाकिस्तान अपने रुख पर अभी भी कायम है कि ISI को ओसामा के पाकिस्तान में होने की जानकारी नहीं थी।
इमरान खान ने कहा झूठ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमरीका दौरे के दौरान वाशिंगटन में एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ISI ने अमरीकी खुफिया एजेंसी CIA को ओसामा बिन लादेन की जानकारी दी जिससे अमरीका को 2011 में लादने तक पहुंचने और उसे मारने में मदद मिली।
इमरान खान के इस बयान के बाद जहां पूरी दुनिया में एक बार फिर से पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब हुआ वहीं पाकिस्तान में विवाद पैदा हो गया है और कई नेताओं ने इमरान के इस दावे की आलोचना की। कई नेताओं ने कहा कि इमरान खान झूठ बोल रहे हैं।
‘द न्यूज’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ISI द्वारा जानकारी देने के संबंध में प्रधानमंत्री का बयान संभव है कि पहले से ज्ञात तथ्य के संदर्भ में हो जिसमें पाकिस्तान ने लादेन के सहयोगी अबू अहमद अली कुवैती द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर की जानकारी साझा की थी।
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डॉन में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, CIA ने 2009 से लेकर 2010 के दौरान पाकिस्तान को चार फोन नंबर दिए थे लेकिन यह नहीं बताया कि वह किसकी तलाश कर रही है। ये नंबर हमेशा बंद रहते थे।
बता दें कि अमरीका ने एक खुफिया ऑपरेशन के तहत 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में घुसकर अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। एबटाबाद वही जगह है, जहां से महज कुछ कदम की दूरी पर पाकिस्तान आर्मी का मुख्यालय है।
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