इमरान खान ने कहा कि दुर्भाग्य से उन्हें अब तक भारत से ज्यादा सफलता नहीं मिली है। लेकिन उम्मीद है कि पीएम मोदी उनसे आगे बातचीत को तैयार होंगे। उन्हें आशा है कि वे इस जनादेश का उपयोग बेहतर संबंध विकसित करने और उपमहाद्वीप में शांति लाने के लिए करेंगे। गौरतलब है कि इस साल फरवरी में कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए।
मोदी की जीत के बाद इमरान खान ने कई कोशिशें की ताकि दोबारा से वार्ता शुरू हो सके। उन्होंने पीएम मोदी की जीत का बधाई संदेश भेजा। वह पत्र लिखकर भी बातचीत का आग्रह करते आए हैं। खान ने कहा कि पाकिस्तान ने अप्रैल-मई में भारत के चुनावों से पहले ही रिश्तों को सुधारने की कोशिश की थी, लेकिन चुनावी अभियान के दौरान इसे प्रमुखता से नहीं लिया गया। चुनाव खत्म हो जाने के बाद पाकिस्तान उम्मीद कर रहा है कि भारतीय नेतृत्व इस अवसर का लाभ उठाएगा, मगर अभी तक ऐसा नहीं हुआ।