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पाकिस्तान सरकार और टीएलपी के बीच समझौते का ऐलान, मगर शर्तें जारी नहीं की गई, तो धरना भी खत्म नहीं हुआ

समझौते की घोषणा पाकिस्तान के धर्मगुरु मुफ्ती मुनीबउर्रहमान ने की। उन्होंने बताया कि शर्तें तय समय में निर्धारित की जाएंगी। इस दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी, संसदीय कार्यमंत्री अली मोहम्मद खान और संसद अध्यक्ष असद कैसर भी मौजूद थे। टीएलपी अपने नेता साद हुसैन रिजवी की रिहाई और फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से बाहर निकालने की मांग को लेकर लाहौर से इस्लामबाद तक मार्च कर रही थी।
 

Nov 01, 2021 / 10:25 am

Ashutosh Pathak

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नई दिल्ली।

पाकिस्तान में टीएलपी यानी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान का लाहौर से इस्लामाबाद मार्च को लेकर इमरान खान सरकार से समझौता हो गया है। वैसे, इस समझौते की शर्तों को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
समझौते की घोषणा पाकिस्तान के धर्मगुरु मुफ्ती मुनीबउर्रहमान ने की। उन्होंने बताया कि शर्तें तय समय में निर्धारित की जाएंगी। इस दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी, संसदीय कार्यमंत्री अली मोहम्मद खान और संसद अध्यक्ष असद कैसर भी मौजूद थे। टीएलपी अपने नेता साद हुसैन रिजवी की रिहाई और फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से बाहर निकालने की मांग को लेकर लाहौर से इस्लामबाद तक मार्च कर रही थी।
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बता दें कि टीएलपी के इस मार्च ने गत शुक्रवार को गुजरांवाला को पार कर लिया था और यहां से आगे वजीराबाद में पाकिस्तान रेंजरों और टीएलपी कार्यकर्ताओं के बीच हल्की झड़प भी हो गई थी। धरना खत्म करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस समझौते के प्रभाव जल्द ही सबको पता चल जाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक धरने के दौरान स्पीकर से ऐलान किया जा रहा है कि जब तक इमरान सरकार समझौते की शर्तें जारी नहीं करेगी और उन्हें नेतृत्व से आदेश नहीं मिल जाता, मार्च जारी रहेगा। बता दें कि इस्लामाबाद की ओर कूच कर रहे टीएलपी समर्थकों की संख्या हजारों में है। मुफ्ती मुनीब ने बताया कि सरकार के साथ जो समझौता हुआ है उस पर टीएलपी के नेता साद रिजवी सहमत है।
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उन्होंने कहा कि यह समझौता किसी पक्ष की जीत या हार नहीं है बल्कि, इंसानी जिंदगी की पवित्रता की जीत है। इससे पहले टीएलपी के प्रवक्ता अमजद रिजवी ने कहा था कि सरकार और टीएलपी के बीच हुई बैठक में सरकार ने लचीलापन दिखाया है। इसमें फ्रांस के राजदूत के निर्वासन का मामला भी शामिल है।

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