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असम की घटना पर पाकिस्तान में बवाल, इमरान सरकार ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया

पाकिस्तान की सरकार ने भारत के असम राज्य में हाल ही में मुसलमानों को निशाना बनाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। जहां पर राज्य के मुस्लिम निवासियों के खिलाफ क्रूर निष्कासन अभियान शुरू किया गया है।
 

Sep 26, 2021 / 11:15 am

Ashutosh Pathak

नई दिल्ली।
असम के दरंग जिले में बीते 23 सितंबर को अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई हिंसा को लेकर पाकिस्तान ने भारत से कड़ा एतराज जताया है। पाकिस्तान सरकार ने इस मुद्दे पर इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग को तलब भी किया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में एक ट्वीट भी किया है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से किए गए ट्वीट में लिखा है- पाकिस्तान की सरकार ने भारत के असम राज्य में हाल ही में मुसलमानों को निशाना बनाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। जहां पर राज्य के मुस्लिम निवासियों के खिलाफ क्रूर निष्कासन अभियान शुरू किया गया है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद पाकिस्तानी गृह मृत्री शेख रशीद ने असम का हवाला दिया है।
https://twitter.com/hashtag/Assam?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
शेख रशीद ने कहा, भारत के प्रधानमंत्री को अपने देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को देखना चाहिए। बता दें कि असम के दरंग जिले के सिपाझार शहर से करीब 14 किलोमीटर दूर एक गांव में प्रशासन की ओर से अवैध अतिक्रमण हटाने के अभियान की शुरुआत हुई, जिसके बाद वहां हिंसा फैल गई। इस हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब एक दर्जन पुलिस कर्मी और आधा दर्जन ग्रामीण घायल हो गए।
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इस मुद्दे को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि उसने असम में मुसलमानों निशाना बनाकर की गई हिंसा के मुद्दे पर भारतीय चार्ज डी अफेयर्स को समन जारी किया था। विदेश मंत्रालय ने उनसे कहा था कि हाल में असम में हुई हिंसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां लगातार मुसलमानों के खिलाफ जारी हिंसा का एक हिस्सा है और भारत में यह राज्य सरकार के संरक्षण में हो रहा है।
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पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से दिए गए बयान के अनुसार, भारतीय सुरक्षा बल मुसलमानों के खिलाफ हिंसा में या तो खुद शामिल हैं, या फिर वे उन हिंदुत्व चरमपंथियों और आतंकियों को सुरक्षा दे रहे हैं, जो लगातार मुसलमानों के खिलाफ लिंचिंग या दूसरे तरीकों की यातनाएं देने में शामिल रहे हैं। भारतीय उच्चायुक्त से कहा गया है कि असम हुई मुस्लिम विरोधी हिंसा और इसी तरह की कई घटनाओं की भारत सरकार को जांच करानी चाहिए।

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