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पाकिस्तान: इमरान खान के ‘सेलेक्ट’ या ‘इलेक्ट’ होने पर विवाद, कितना सच है विपक्ष का दावा

पाकिस्तानी संसद में ‘सिलेक्टेड’ शब्द ( Selected PM ) पर लगा बैन
इमरान खान सिलेक्टेड हैं या इलेक्टेड, इस बात पर सालभर से जारी है विवाद

Jun 27, 2019 / 12:55 pm

Shweta Singh

Pak PM Imran Khan

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की संसद में इमरान खान इन दिनों ‘सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर’ ( selected PM ) शब्द पर हंगामा मचा जारी है। देश के विपक्षी दल के नेता इस शब्द का प्रयोग इमरान खान के लिए करते हैं, लेकिन बुधवार को पाक नेशनल असेंबली ( Pakistan national assembly ) के डिप्टी स्पीकर कासिम खान ( kasim khan ) ने संसद में इस शब्द पर बैन लगा दिया है। सूरी ने इस शब्द को पीएम इमरान खान का अपमान बताया है। इस रिपोर्ट में जानते हैं कि क्यों विपक्ष इमरान को ‘इलेक्टेड नहीं सिलेक्टेड’ बता रहा है और उनके दावों में कितनी सच्चाई है।

इमरान को आर्मी का समर्थन?

साल 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का चुनाव आयोजित हुआ। इस दौरान 272 में से 123 सीटें जीतकर पीएम की रेस में सबसे आगे निकले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के चीफ इमरान खान। उनकी जीत के साथ ही दावा किया जाने लगा कि उन्हें देश की ताकतवर आर्मी ने समर्थन दिया था। विपक्षी इसी कारण नेशनल असेंबली में बहस के दौरान इमरान को ‘सिलेक्टेड’ बताया करते थे।

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Imran Khan With Bajwa

इमरान खान-सेना की नजदीकियां

भले ही अब संसद में इस शब्द का इस्तेमाल न हो रहा हो, लेकिन इमरान खान और सेना की नजदीकियां यह दर्शाता है कि दोनों का एक-दूसरे को समर्थन देने के फैसले पर आगे भी ऊंगली उठने की पूरी संभावना है। पाकिस्तान आम चुनाव के बाद से अबतक कई ऐसे मामले सामने आए जब इमरान के सिलेक्ट होने के दावे काफी हद तक सच नजर आते हैं। कुछ ऐसे ही वाकये हैं-

आम चुनाव में पाकिस्तानी सेना ने इमरान के प्रचार-प्रसार के लिए खास सुविधाएं दीं। सुरक्षा के मामले में भी PTI की रैलियों को सबसे अधिक तरजीह दी गई।

चुनाव में कई पार्टियों की रैलियों के रद्द होने का मामला सामने आया। लेकिन इमरान खान के लगभग हर रैली को सेना से इजाजत मिली।

चुनावी मतगणना की प्रक्रिया पर विपक्ष समेत कई विशेषज्ञों ने अपना संशय जताया।

चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद PTI के दो सहयोगी दल इमरान के नाम पर सहमति जताने से पीछे हट रहे थे। दावा किया जाता है कि उस वक्त सेना ने उन्हें इमरान के नाम पर मुहर लगाने की धमकी दी थी।

हाल ही में इमरान ने रक्षा बजट में अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ोतरी का ऐलान किया। जबकि, इससे पहले खबरें चल रहीं थीं कि आर्थिक तंगी से जुझ रहा पाकिस्तान अपने रक्षा बजट को जस का तस रखेगा।

यही नहीं, पीएम इमरान ने नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल में सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को शामिल किया है। इस काउंसिल का काम देश की आम जनता से जुड़े विकास कार्यों को देखना होगा। इसमें सेना प्रमुख को शामिल करने का साफ मतलब है कि अब आम जनता के मामलों में सेना सीधा दखल दे सकती है।

सेना में तबादले जैसे फैसले अब बिना PMO को आधिकारिक रूप से जानकारी दिए बिना ही सेना ले रही है।

अगर इन बिंदुओं को देखें तो इमरान खान सेना की ओर से पाकिस्तान पर शासन करने के लिए सिलेक्ट किए लगते हैं। हालांकि, आम चुनाव में वोटों को देखकर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि जनता ने भी उन्हें ‘इलेक्ट’ किया है।

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Kasim Khan Suri

डिप्टी स्पीकर की चेतावनी

बुधवार को कासिम खान सूरी ने कहा कि पीएम को सिलेक्टेड कहना उनका अपमान है। कासिम ने चेतावनी भरे अल्फाज में कहा कि यह निर्वाचित प्रतिनिधियों का सदन है। इसलिए अब से कोई भी यहां इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करेगा। बता दें कि डिप्टी स्पीकर का यह आदेश इमरान खान सरकार के उर्जा मंत्री उमर अय्युब खान के इस शब्द पर जताई आपत्ति के बाद आया।

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