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विरोध के बाद भी मंदिर को मंजूरी
पाकिस्तान में कट्टरपंथी मौलानाओं के विरोध के बाद भी इमरान सरकार ने इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं।जबकि पाकिस्तान की उच्च इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन की ओर से बयान आया था कि मंदिर निर्माण के विरोध है। साथ ही यह भी कहा था कि शरिया में मंदिर न बनाने की कोई बात नहीं है। इससे पहले कुछ कट्टरपंथी मौलानाओं को चेतावनी दी थी कि वे इस्लामाबाद में मंदिर के निर्माण की अनुमति न दें।
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रोक दिया था निर्माण कार्य
जानकारी के अनुसार इससे पहले सीडीए ने जुलाई में मंदिर निर्माण का काम कानूनी कारणों का हवाला देकर रोक दिया था। जिसके बाद सरकार को धार्मिक मामलों पर परामर्श देने वाली परिषद ने अक्टूबर में कहा था कि इस्लामाबाद या देश के किसी भी हिस्से में मंदिर निर्माण पर संवैधानिक या शरिया की ओर से कोई रुकावट नहीं है। परिषद ने कृष्ण मंदिर को अनुमति देने के साथ एक अन्य मंदिर जिस पर मुस्लिमों ने कब्जा है वो भी वापस सौंपने का निर्देश जारी किया है।
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कुछ ऐसा होगा मंदिर
जानकारी के अनुसार इस्लामाबाद के एच-9 प्रशासनिक खंड में कृष्ण मंदिर का निर्माण 20,000 स्क्वैर फिट जमीन पर किया जाएगा। जिसके बाद पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने जमीन अलॉट की थी। मंदिर के कैंपस में शमशान के साथ दूसरे धार्मिक स्थलों के भी स्ट्रक्चर होंगे। कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से लाहौर में एक अधिसूचना जारी कर इस्लामाबाद के सेक्टर-9/2 में हिंदू समुदाय की शमशान भूमि की चारदीवारी निर्माण की अनुमति दे दी।