पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि हाफिज सईद के साथ जिन अन्य आतंकवादियों ने अपने खिलाफ दर्ज आतंकवाद के मामले को चुनौती दी है, उनमें कुख्यात अब्दुर रहमान मक्की, आमिर हमजा, एम. यहया अजीज और चार अन्य शामिल हैं। इन सभी ने पाकिस्तान की केंद्र सरकार, पंजाब प्रांत की सरकार और देश के आतंकवाद रोधी विभाग ( Counter-Terrorism Department, CTD ) को प्रतिवादी बनाया है।
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सभी आतंकियों ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि हाफिज सईद का लश्कर-ए-तैयबा, अल कायदा या इन जैसे अन्य संगठनों से कोई लेना-देना नहीं है। ये राज्य के खिलाफ किसी कार्रवाई में कभी शामिल नहीं रहे हैं।
भारतीय लॉबी को ठहराया जिम्मेदार
याचिका में उलटे इन आतंकियों ने अपने खिलाफ दर्ज मामलों के लिए ‘भारतीय लॉबी’ को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सईद को मुंबई के आतंकी हमलों के लिए ‘भारतीय लॉबी’ द्वारा मास्टरमाइंड बताना वास्तविकता पर आधारित नहीं है।
इस महीने की शुरुआत में पंजाब के सीटीडी ने आतंकी वित्तपोषण के मामले में सईद और उसके 12 अन्य सहयोगियों के खिलाफ 23 मामले दर्ज किए थे। इन पर आरोप लगाया गया है कि पांच ट्रस्ट के माध्यम से ये आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया करा रहे हैं।
सीटीडी ने कहा था कि उसने आतंकवाद रोधी कानून के तहत प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत के खिलाफ लाहौर, गुजरांवाला और मुलतान में मामले दर्ज कराए हैं।
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पाकिस्तान ने यह कदम आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए उस पर पड़े अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बाद उठाया है। आतंकी वित्त पोषण पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ( एफएटीएफ ) ने धनशोधन और आतंकी वित्तपोषण के मामले में पाकिस्तान को ‘ग्रे’ सूची में डाला हुआ है और उसे इसमें सुधार के लिए अक्टूबर तक की डेडलाइन दी है।
बता दें कि हाफिज सईद NIA की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है। भारत सहित अमरीका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, रूस और ऑस्ट्रेलिया ने इसके संगठनों को प्रतिबंधित कर रखा है।
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