मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों में सिंध रेंजर्स के जवान शामिल थे। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शुरूआती जांच के बाद बताया कि सिंध रेंजर्स ( Sindh Rangers ) के वाहन को घोट्टा मार्केट इलाके में पाकिस्तानी रेंजर्स के वाहन को निशाना बनाकर यह धमाका रिमोट कंट्रोल ( Remote Control ) से किया गया।
Pakistan में सेना मुख्यालय के पास जोरदार धमाका, एक की मौत, 15 घायल
बम धमाके के फौरन बाद मृतकों के शव को स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया और पूरे इलाको को सील कर दिया गया। फिलहाल इस बम धमाके की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है।
बीते हफ्ता रावलपिंडी में हुआ था धमाका
आपको बता दें कि इससे पहले बीते हफ्ता रावलपिंडी ( Rawalpindi ) में जोरदार धमाका हुआ था। 12 जून को रावलपिंडी के भीड़भाड़ वाले सदर इलाके में बम धमाका हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि 15 लोग घायल हो गए थे। शहर के सदर इलाके में जिस जगह पर यह धमाका हुआ था, वह पाकिस्तानी सेना मुख्यालय ( Pakistani Army Headquarters ) से बेहद ही करीब था। पुलिस प्रवक्ता सजिदुल हसन ने बताया था कि प्रारंभिक रिपोर्ट से ऐसा लगता है कि विस्फोटकों को एक नजदीकी बिजली के खंभे पर लगाया गया था।
इस धमाके के कारण आस-पास के इलाकों में काफी नुकसान पहुंचा था। पुलिस प्रवक्ता ने बताया था कि जांच की टीमें और फॉरेंसिक साइंस लैब ने घटना स्थल पर जाकर सबूत इकट्ठे किए हैं और जांच कर रही है। उस धमाके की भी जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली थी।
JuD के चार आतंकी दोषी करार
आपको बता दें कि पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी अदालत ( ATC ) ने आतंकी संगठन जमात-उद-दावा ( JuD ) के चार आतंकियों को आतंकी वित्तपोषण के एक मामले में दोषी ठहराया है। आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में इस प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ मामले दर्ज कराए हैं। समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, एटीसी-3 के पीठासीन न्यायाधीश अहमद बत्तार ने मलिक जफर इकबाल और मुहम्मद याहया अजीज को दोषी ठहराया और उन्हें पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 50,000 पीकेआर का जुर्माना भी लगाया।
अफगानिस्तान: ट्रक में बम विस्फोट से 5 लोगों की मौत, सैन्य कर्मियों समेत 46 अन्य घायल
न्यायाधीश ने अब्दुल रहमान मक्की और अब्दुल सलाम को भी एक-एक साल कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 20,000 पीकेआर का जुर्माना भी लगाया। सीटीडी ने दोषियों के खिलाफ 2019 में एफआईआर दर्ज की थी।