सौरभ शाह की किताब ‘महाराज’ पर आधारित है ये फिल्म
रिलीज से पहले आई अड़चनों के बारे में बात करते हुए एक्टर जुनैद खान, जयदीप अहलावत और डायरेक्टर सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा ने कहा कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। फिल्म को संवेदनशीलता के साथ बनाया गया है। ये फिल्म सौरभ शाह की किताब ‘महाराज’ पर आधारित है। ये 1862 के महाराज मानहानि मामले पर बनी है। 21 जून को, गुजरात हाईकोर्ट ने ‘महाराज’ की रिलीज पर लगाई रोक को हटा दिया था और फैसले में कहा था कि इसमें किसी भी खास संप्रदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना वाला कोई सीन नहीं है।
डायरेक्टर सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा ने क्या कहा?
डायरेक्टर सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा ने कहा कि फिल्म किताब और एक विचारधारा के खिलाफ उपलब्ध अदालती मामले के आधार पर लिखी गई। उन्होंने कहा, ”जब हमने किताब या उपलब्ध कोर्ट केस के डिटेल्स के आधार पर स्क्रिप्ट लिखी तो मेरी फिल्म एक व्यक्ति की विचारधारा के खिलाफ थी। जुनैद (फिल्म में) कहता है ‘मेरी समस्या इनसे नहीं, इनके सोच से है।’ वह सिर्फ एक व्यक्ति की विचारधारा के खिलाफ लड़ रहा है, पूरे समुदाय के खिलाफ नहीं। अब जब लोगों ने फिल्म देख ली है, तो वे समझ गए हैं कि हमने किसी व्यक्ति की भी भावना को ठेस नहीं पहुंचाई है।” बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान के बेटे जुनैद ने कहा, ”फिल्म को बहुत “संवेदनशीलता” के साथ बनाया गया है। यह एक संवेदनशील फिल्म है और सिद्धार्थ सर ने इसे बहुत संवेदनशीलता के साथ बनाया है। मुझे लगता है कि फिल्म को लोग काफी पसंद कर रहे है.. हमने किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाया है।”
एक्टर जयदीप अहलावत ने कहा कि वे इस फिल्म को एक कहानी के रूप में बनाना चाहते थे। जयदीप ने कहा, “यह वास्तव में कुछ चीजों के बारे में है, लेकिन कभी भी किसी ऐसी चीज के खिलाफ नहीं है जिससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचे… हमारा इरादा स्पष्ट था कि किसी की भावना को ठेस न पहुंचे और इस तरह हम विजेता बनकर उभरे।”
फिल्म में जुनैद ने करसनदास मुलजी का रोल किया है, वो पेशे से एक पत्रकार है। वहीं जयदीप अहलावत ने विलेन जदुनाथ महाराज का रोल किया है। जुनैद और जयदीप के अलावा शरवरी वाघ भी इस फिल्म का हिस्सा हैं।