नाबालिक भी कर रहे इन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल: हाईकोर्ट
अदालत ने कहा की अलग-अलग जगह पर नैतिकता की अपनी परिभाषा होती हैं और अदालत को इसके लिए पश्चिम की तरफ नहीं बल्कि अपने यहां के नियमों की ओर देखने की जरूरत है। ‘लाइव लॉ’ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने कहा कि पब्लिक डोमेन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में अश्लील भाषा का इस्तेमाल बढ़ रहा है और इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। क्योंकि ये सभी प्लेटफॉर्म नाबालिग भी इस्तेमाल करते हैं।
वेब सीरीज में किया गया अभद्र भाषा का इस्तेमाल
अदालत ने कहा, “अदालत आम आदमी के तर्क का पालन करते हुए इस निष्कर्ष पर पहुंची कि यह नहीं कहा जा सकता है कि इस देश में बहुसंख्यक लोग इस तरह के अश्लील, अपवित्र, अशोभनीय, अपमानजनक शब्दों और अपशब्दों का उपयोग कर रहे हैं जैसा कि शिक्षण संस्थानों में वेब सीरीज में दिखाया गया है।”
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वेब सीरीज में किया गया अभद्र भाषा का इस्तेमाल
अदालत ने कहा, “अदालत आम आदमी के तर्क का पालन करते हुए इस निष्कर्ष पर पहुंची कि यह नहीं कहा जा सकता है कि इस देश में बहुसंख्यक लोग इस तरह के अश्लील, अपवित्र, अशोभनीय, अपमानजनक शब्दों और अपशब्दों का उपयोग कर रहे हैं जैसा कि शिक्षण संस्थानों में वेब सीरीज में दिखाया गया है।”
महिलाओं को लेकर शिकायतकर्ता ने कही ये बात
बता दें, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि सीरीज में अश्लीलता और अश्लील सामग्री दिखाई गई है। इस सीरीज ने भारतीय दंड संहिता की धारा 292 और 294, धारा 67 और 67ए और सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 2 (सी), 3 और 4 का उल्लंघन किया है। साथ ही शिकायतकर्ता ने कहा कि महिलाओं को अश्लील तरीके से दिखाया गया है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए वेब सीरीज के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है।
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