अमरीका में डॉक्टर हैं मोना
मोना मिल्खा सिंह न्यूयॉर्क के एक मेट्रोपॉलिटन अस्पताल में डॉक्टर हैं। इस अस्पताल में कोरोना संक्रमितों का आपातकालीन इलाज होता है। मोना के भाई और चार बार के यूरोपीय टूर चैंपियन जीव मिल्खा सिंह ने बताया कि मोना न्यूयॉर्क शहर में मेट्रोपॉलिटन अस्पताल केंद्र में एक इमरर्जेंसी रूम में चिकित्सक हैं। इस कारण जब कोई कोरोना वायरस के लक्षणों के साथ आता है तो उन्हें ही उसका इलाज करना होता है। जीव ने बताया कि वह मरीजों की जांच करती हैं और उनका उपचार भी करती हैं। मरीजों को क्वारंटाइन करने के लिए विशेष वार्डों में भेजे जाने से पहले वही उन्हें इंटुबेशन करती है। इंटुबेशन वह प्रक्रिया है, जिसमें मरीज में कृत्रिम वेंटिलेशन ट्यूब की प्रविष्ट कराया जाता है।
पटियाला मेडिकल कॉलेज से पढ़ी हैं मोना
जीव मिल्खा सिंह ने बताया कि 54 साल की मोना 90 के दशक में अमरीका गई थीं। उससे पहले उन्होंने पटियाला मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई की थी। वह 20 साल से भी ज्यादा समय से अमरीका में काम कर रही हैं। उन्हें अपनी बहन पर गर्व है। जीव ने कहा कि उन्हें अपनी बहन पर गर्व है। उनकी बहन कहती हैं कि कोरोना के खिलाफ जंग हर दिन मैराथन दौड़ने जैसा है। जीव ने बताया कि वह सप्ताह में पांच दिन काम करती हैं। उनकी 12 घंटे की ड्यूटी कर दी गई है। वह भी कभी दिन में तो कभी रात में लगती है।
मोना को लेकर हम सब चिंतित रहते हैं
चंडीगढ़ में रह रहे मोना के भाई जीव मिल्खा सिंह ने बताया कि मोना का काम काफी तनावपूर्ण है। इस वजह से उन्हें उनकी चिंता सताती रहती है। उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे होते हैं, तब कुछ भी हो सकता है। इसलिए हमलोग रोज उनसे बात करते हैं। भाई मिल्खा ने बताया कि मम्मी-पापा भी नियमित रूप से बहन मोना के संपर्क में रहते हैं। जीव ने कहा कि हम पूछते रहते हैं कि वह कैसा महसूस कर रही हैं। हम उनसे कहते रहते हैं कि यदि कोरोना का कोई भी लक्षण दिखें तो परेशान नहीं होना है। बस अपना इम्यून सिस्टम बढ़ाने पर जोर देना है।