जोगिंदर ने ही दिल्ली को जिताया था खिताब
जोगिंदर खिताब जीतने में माहिर हैं, उन्होंने सीजन 8 में कप्तान के तौर पर दबंग दिल्ली को अपना एकमात्र पीकेएल खिताब जितवाया था। नीलामी में दबंग दिल्ली ज्यादा सक्रिय नहीं थी, उसने सीजन 11 की खिलाड़ी नीलामी से पहले अपने ज्यादातर स्टार प्लेयर्स को बरकरार रखा था। हालांकि, उनके पास शीर्ष प्रतिभाओं से भरी एक मजबूत टीम है। नए अभियान से पहले उनकी ताकत और कमजोरियों पर एक नजर डालते हैं।
दबंग दिल्ली का सबसे मजबूत पक्ष
दबंग दिल्ली टूर्नामेंट में सबसे मजबूत रेडिंग इकाइयों में से एक है, जिसमें नवीन कुमार और आशु मलिक जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। आशु मलिक ने सीजन 10 को 276 रेड पॉइंट के साथ लीग के संयुक्त शीर्ष स्कोरिंग रेडर के रूप में समाप्त किया, जबकि दो बार के मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर (एमवीपी) नवीन कुमार पीकेएल इतिहास में सबसे अधिक रेड पॉइंट (1005) के लिए ऑल-टाइम लीडरबोर्ड पर छठे स्थान पर हैं। सबसे बड़ा खतरा चोट लगने का जोखिम
दबंग दिल्ली के पीकेएल 11 अभियान के लिए सबसे बड़ा खतरा चोट लगने का जोखिम है, खासकर उनके रेडरों को इससे बच के रहना होगा। नवीन कुमार और आशु मलिक किसी भी प्रतिद्वंद्वी को कड़ी चुनौती देने में सक्षम हैं। हालांकि, अगर उनमें से कोई भी चोटिल हो जाता है तो रेडिंग का बोझ दूसरे खिलाड़ियों पर भारी पड़ जाएगा, जिससे टीम का रेडिंग संतुलन बिगड़ सकता है।