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Patrika Special: ओलंपिक में भारतीय एथलीट क्‍यों नहीं जीत पाते ज्यादा पदक, रिसर्च में बड़ा खुलासा

Patrika Special: भारत को चीन जैसे देशों से लेनी चाहिए सीख, जहां छोटी उम्र से ही बच्चों को ट्रेनिंग देने की शुरुआत हो जाती है और ओलंपिक जैसे बड़े इवेंट में वहां के एथलीट ढेरों पदक जीतते हैं लेकिन भारत इस मामले में अभी काफी पिछड़ा हुआ है।

नई दिल्लीNov 28, 2024 / 08:01 am

lokesh verma

Patrika Special: ओलंपिक खेलों में भारतीय एथलीट ज्यादा पदक जीतने में विफल क्यों रहते हैं? यह एक बड़ा सवाल है। पेरिस ओलंपिक 2024 में 117 भारतीय एथलीटों ने शिरकत की थी और हम सिर्फ छह पदक ही जीत सके। इससे पहले 2020 टोक्यो ओलंपिक में 119 एथलीटों ने शिरकत की थी और भारत ने सात पदक जीते थे। भारतीय एथलीट आखिर कहां चूक जाते हैं? इस पर जयपुर की गुरु स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी ने एक रिचर्स की है। इसमें बताया गया है कि ओलंपिक खेलों में हमारे एथलीटों की औसत उम्र ज्यादा होती है। इस कारण हम पदक जीतने में पीछे रह जाते हैं।

25 साल से ज्‍यादा हमारे एथलीटों की औसत उम्र

यह रिसर्च टोक्यो ओलंपिक 2020 में भाग लेने वाले एथलीटों के आधार पर की गई है। इसके तहत ओलंपिक खेलों में शिरकत करने वाले भारतीय एथलीटों की औसत उम्र 25.7 साल है।

चीन, दक्षिण कोरिया में छोटी उम्र से तैयारी

ओलंपिक खेलों में चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों का शानदार प्रदर्शन रहता है। इसकी बड़ी वजह है कि इन देशों में बहुत छोटी उम्र से ही एथलीटों की ट्रेनिंग शुरू हो जाती है। इस कारण वे आगे निकल जाते हैं।

समाधान : स्कूलों से बच्चे चुनें और अच्छी ट्रेनिंग दें

चीन में स्कूलों से ही प्रतिभाशाली बच्चों को चुन लिया जाता है और फिर उन्हें अच्छी ट्रेनिंग दी जाती है। उनके खानपान और पढ़ाई का भी ध्यान रखा जाता है। इसी कारण बाद में बड़ी प्रतियोगिताओं में वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं। भारत में भी जमीनी स्तर पर प्रतिभा तलाशनी चाहिए। बच्चों को स्कूल से ही उनके पसंदीदा खेलों के लिए चुनना चाहिए और उन्हें ट्रेनिंग देनी चाहिए।

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