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Paris 2024 Olympic: ओलंपिक खेलों में निशानेबाजी का है पुराना इतिहास, 1900 में शूटर कबूतरों पर लगाते थे निशाना

ओलंपिक खेलों के इतिहास में निशानेबाजी सबसे पुराना खेल है। लेकिन क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि 1900 ओलंपिक खेलों में शूटरों ने कबूतरों को निशाना बनाया था।

नई दिल्लीJul 26, 2024 / 08:28 am

Siddharth Rai

Paris 2024 Olympic: पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत हो चुकी है। खेलों का यह महाकुंभ 26 जुलाई से 11 अगस्त के बीच फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित किया जा रहा है। भारत ने आर्चरी के साथ अपने अभियान की शुरुआत कर ली है और शानदार प्रदर्शन करते हुए क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली है। अब भारतीय खिलाड़ियों की नज़र निशानेबाजी पर है। भारत को इस इवैंट से कई मेडल की उम्मीद है।
ओलंपिक खेलों के इतिहास में निशानेबाजी सबसे पुराना खेल है। लेकिन क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि 1900 ओलंपिक खेलों में शूटरों ने कबूतरों को निशाना बनाया था। इन खेलों के दौरान कबूतरों को पिंजरों से हवा में छोड़ा जाता था और प्रतिभागी को उसके ऊपर निशाना लगाकर मार गिराना होता था। यदि कोई निशानेबाज दो निशाने चूक जाता था, तो वह प्रतियोगिता से हट जाता था। सबसे अधिक कबूतर मारने वाले को विजेता घोषित किया गया।
300 से ज्यादा कबूतर मारे गए :
उस दिन करीब 300 से ज्यादा कबूतर मारे गए। प्रतियोगिता स्थल पर शूटिंग देख रहे दर्शकों पर खून और पंखों की बौछार हो गई। चारों तरफ मृत और घायल कबूतर पड़े हुए थे।
निंदा हुई तो आइओसी ने पलड़ा झाड़ा :
कबूतरों के नरसंहार की पूरी दुनिया में कड़ी निंदा की गई। आइओसी ने इस बात से इनकार कर दिया कि यह ओलंपिक का एक आधिकारिक कार्यक्रम था। इसके बाद से फिर कभी ओलंपिक में कबूतरों या अन्य किसी पक्षी को निशाना नहीं बनाया गया।

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