मैंने भारत के लिए पदक लाने की पूरी कोशिश की, लेकिन यह नियति में नहीं था
मीराबाई चानू ने कहा कि मैं प्रदर्शन से खुश हूं… मैंने भारत को पदक दिलाने के लिए अपना 100 प्रतिशत देने की पूरी कोशिश की, लेकिन चोट के बाद ठीक होने के लिए बहुत कम समय होने के बावजूद मैं इसमें सफल रही। मैंने भारत के लिए पदक लाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन यह नियति में नहीं था। मेरे पीरियड का तीसरा दिन था, इसलिए इसका आपके शरीर पर भी थोड़ा असर पड़ता है।स्नैच राउंड के अंत तक संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहीं
बता दें कि मीराबाई ने अपने पहले प्रयास में 85 किग्रा भार उठाकर स्नैच राउंड की शुरुआत की। हालांकि 88 किग्रा में उनका दूसरा प्रयास असफल साबित हुआ। मीराबाई ने शुरुआत में अपने दूसरे प्रयास में 86 किग्रा का लक्ष्य रखा था, लेकिन कुछ मिनट बाद उन्होंने 88 किग्रा में बदलाव किया। उन्होंने स्नैच राउंड में अंतिम प्रयास में 88 किग्रा के अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी की। हालांकि, उनके प्रयास की बराबरी थाई भारोत्तोलक सुरोडचाना खंबाओ ने की और स्नैच राउंड के अंत तक दोनों संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहीं। यह भी पढ़ें