मंजू ने थाईलैंड की मुक्केबाज को 29-28, 30-27, 29-28, 28-29, 29-28 से मात दी और भारत के लिए इस प्रतियोगिता का पहला रजत पदक पक्का किया। मंजू रानी विश्व महिला मुक्केबाजी के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय भी बन गई हैं।
मैरी कॉम को कांस्य से करना पड़ा संतोष-
इससे पूर्व शनिवार को ही भारत की एमसी मैरी कॉम को 51 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में तुर्की की बुसेनांज कारिकोग्लू के खिलाफ हार झेलनी पड़ी। इस हार के साथ ही छह बार की विश्व चैम्पियन मैरी को इस बार कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। कारिकोग्लू ने भारतीय खिलाड़ी को 4-1 से शिकस्त दी।
भारत ने इस फैसले के खिलाफ अपील की, लेकिन उसे ठुकरा दिया गया। एआईबीए के निर्देशों के अनुसार, एक खिलाड़ी तभी अपील कर सकता है जब वह 2:3 या 1:3 के अंतर से मैच हारा हो। मैरी 1:4 से मुकाबला हारी थी इसलिए तकनीकी समिति ने उनके पीले कार्ड को स्वीकार नहीं किया।
मैच के बाद मैरी ने खेल मंत्री किरण रिजिजू और प्रधानमंत्री नेंरद्र मोदी को टैग करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “कैसे और क्यों। दुनिया को पता चलने दीजिए कि यह निर्णय कितना सही और गलत है।”