जालोर की रहने वाली हैं माहेश्वरी चौहान
60 शॉट के फाइनल में 54 हिट पर बराबरी पर रहने के बाद माहेश्वरी स्वर्ण पदक के शूट-ऑफ में चिली की फ्रांसिस्का क्रोवेटो चाडिड से 3-4 से हार गईं। यह एक शानदार प्रदर्शन था। क्योंकि यह जालोर की निशानेबाज के लिए पहला आईएसएसएफ फाइनल था। उनके प्रदर्शन ने भारत को महिलाओं की स्कीट में दूसरा पेरिस कोटा स्थान भी दिलाया।
फाइनल के बाद बोलीं- मैं रोमांचित हूं
माहेश्वरी ने फाइनल के बाद कहा कि मैं रोमांचित हूं। यहां तक पहुंचने के लिए पिछले कुछ वर्षों में काफी मेहनत करनी पड़ी है। मैं शूट-ऑफ को लेकर थोड़ा निराश हूं, लेकिन कुल मिलाकर, यह बहुत संतोषजनक रहा।
121 अंकों के साथ बनाया नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड
पहले एलिमिनेशन चरण में (20 शॉट के बाद), माहेश्वरी दो निशाने चूकने के कारण चाडिड के बाद दूसरे स्थान पर थी। कजाख ओरिनबे पहले 20 लक्ष्यों में पांच चूक के साथ बाहर होने वाली पहली खिलाड़ी थीं। कोटा की पुष्टि तब हुई जब रिगिना 30 में से पांच शॉट चूक गई और अगले मैच से बाहर हो गई। जैसे-जैसे फाइनल आगे बढ़ा, माहेश्वरी मजबूत होती गई और 50 शॉट्स के बाद लीडर के पास पहुंच गई। माहेश्वरी के पास स्वर्ण जीतने के तीन मौके थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। हालांकि, उनके 121 अंकों ने उन्हें नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड प्रदान किया।