20 अप्रैल को पेश करने अपना पक्ष
प्रतिबंध लगाने के बाद स्टार कबड्डी खिलाड़ी अजय ने अपनी बात रखते हुए कहा कि वह पुलिस में अपनी सेवाएं दे रहे है। पुलिस सेवा के कारण लगातार उनका तबादला होता रहता है। इस लिए वह अपना स्थाई पता नाडा को नहीं दे पाए। उन्होंने आगे कहा कि तबादलों के कारण वह अपना पता नाडा तक नहीं पहुंचा सके। शायद इसलिए नाडा को शक हुआ कि वह डोपिंग टेस्ट से बच रहे है। और अपना पता बार बार बदल रहे है। उन्होंने अपनी सफाई में आगे कहा कि वह सभी कागजों एकत्र कर लिए है। 20 अप्रैल को होने वाली एंटी डोपिंग सुनवाई पैनल के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे।
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किसी भी टेस्ट से गुजारने के लिए तैयार हूं
उन्होंने कहा कि इतना कमजोर नहीं कि डोपिंग टेस्ट से डर जाए। मैं किसी टेस्ट से गुजरने के लिए तैयार हूं। फिलहाल वह अपने पुलिस अधिकारी का कर्तव्य निभा रहे है। अजय ने नाडा को अपील की है कि वह उनके बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारियों से भी जानकारी हासिल कर सकते हैं। वह नशे के बिलकुल खिलाफ हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि शरीर को गर्म करने के लिए मूव का भी इस्तेमाल नहीं करते है।
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4 अन्य खिलाड़ियों पर भी लगा बैन
आपको बता दें कि स्टार कबड्डी खिलाड़ी अजय ठाकुर हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ से हैं। वह भारतीय टीम के कप्तान भी रहे हैं। इसके अलावा, कबड्डी लीग में भी उनका जलवा रहा है। वह हिमाचल पुलिस में बतौर डीएसपी भर्ती हुए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, नाडा ने चार अन्य खिलाड़ियों को भी प्रतिबंधित दवा सेवन के लिए अस्थायी रूप से बैन किया है। इसमें एक नामी रेस वॉकर, एक वेट लिफ्टर, एक भारतोलक व एक पद चालक (रेस) शामिल हैं।