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भारतवंशी बेटी रचने जा रही इतिहास, अंतरराष्ट्रीय शतरंज ओलंपियाड में हिस्‍सा लेगी सबसे छोटी उम्र की खिलाड़ी

भारतवंशी बेटी बोधना शिवनंदन शतरंज में इतिहास रचने जा रही हैं, क्योंकि वह किसी भी खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गई है। बोधना सितंबर में हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाले शतरंज ओलंपियाड में हिस्‍सा लेगी।

नई दिल्लीJul 07, 2024 / 10:19 am

lokesh verma

भारतीय मूल की 9 वर्षीय स्कूली छात्रा बोधना शिवनंदन शतरंज में इतिहास रचने जा रही हैं, क्योंकि वह किसी भी खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गई है। उत्तर-पश्चिम लंदन के हैरो की रहने वाली बोधना सितंबर में हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाले शतरंज ओलंपियाड में इंग्लैंड की महिला टीम में शामिल होगी। उनकी टीम में शामिल अन्य सभी खिलाड़ी 20, 30 या 40 की उम्र के हैं। इंग्लैंड शतरंज टीम के मैनेजर मैल्कम पेन न कहा, यह रोमांचक है, वह अब तक की सर्वश्रेष्ठ ब्रिटिश खिलाडिय़ों में से एक बनने की राह पर है। 

यूरोपीय ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप जीत चुकी है बोधना

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में शिवनंदन ने क्रोएशिया के जाग्रेब में यूरोपीय ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप जीती थी। बोधना के पिता शिव शिवनंदन कहते हैं कि उन्हें अभी भी आश्चर्य है कि उनकी बेटी को यह प्रतिभा कहां से मिली। क्योंकि मैं और मेरी पत्नी इंजीनियरिंग स्नातक हैं और मुझे शतरंज ठीक से खेलना भी नहीं आता है।

मोहरे अच्छे लगते हैं, इसलिए खेलना सीखा

बोधना ने पहली बार कोराना महामारी में लॉकडाउन के दौरान शतरंज खेलना सीखा, जब शिवा का दोस्त भारत वापस जा रहा था और उसने उन्हें कुछ बैग दिए जिनमें शतरंज का बोर्ड भी था। बोधना कहती हैं कि मुझे मोहरे अच्छे लगते हैं, इसलिए मैंने खेलना शुरू कर दिया।

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