कांस्य से करना पड़ा संतोष
क्वार्टर फाइनल में भी भारतीय जोड़ीदारों को जीत हासिल करने के लिए अपना पूरा दमखम लगाना लगाना पड़ा। इस बार उनके सामने स्विडिश जोड़ी थी। विक्टर ब्रोड और साइमन बेर्गलुंड के खिलाफ एंथोनी और सानिल ने 3-1 से जीत हासिल की। इस जोड़ी ने पहला गेम जीता लेकिन दूसरे गेम में हार के बाद यह अपना श्रेष्ठ देने में सफल रही और मुकाबला अपने नाम कर सेमीफाइनल में जगह पक्की की।सेमीफाइनल में एंथोनी और सानिल का सामना दक्षिण कोरिया के सेयुंगमिन चो और जाहयुन अन से हुआ। यह जोड़ी यह मैच हालांकि 6-11, 7-11, 8-11 से हार गई और कांस्य पदक जीतने में सफल हुई।
अहिका ने किया प्रभावित
अंडर-21 कटेगरी में अहिका ने राउंड-32 में पोलैंड की नतालिया बाजोर के खिलाफ शानदार शुरुआत और 3-1 से जीत हासिल की। भारत की ही श्रीजा अकुला ने बेलारूस की अलिना निकितचानाका को 3-0 से हराया लेकिन अर्चना कामत औ्र मौमिता दास को हार मिली।प्री-क्वार्टर फाइनल में अहिका ने फ्रांस की अउदेरे जारिफ को 3-0 से हराया। श्रीजा हालांकि कोरिया की युजिन किम के हाथों हार गईं। किम ने आगे जाकर इस कटेगरी का स्वर्ण अपने नाम किया।अहिका ने क्वार्टर फाइनल में जापान की सात्सुकी ओडो के खिलाफ शानदार खेल दिखाया और शुरुआती दो गेम 11-9, 11-9 से अपने नाम किया। इसके बाद तीसरे गेम में वह 4-11 से हार गईं। इसके बाद अहिका ने हालांकि अपना खोया आत्मविश्वास फिर से हासिल किया 11-4 से यह गेम अपने नाम करते हुए सेमीफाइनल का टिकट कटाया।
रजत अपने नाम करने में सफल
सेमीफाइनल में वह हांगकांग की चेंगझू झू के खिलाफ पहला गेम 6-11 से हार गईं लेकिन इसके बाद उन्होंने शानदार वापसी करते हुए 11-3, 11-7 और 11-8 से जीत हासिल की और फाइनल का टिकट टकाने में सफल रहीं।फाइनल में कोरिया की किम के खिलाफ अहिका ने बहादुरी भरा प्रदर्शन किया लेकिन वह 1-3 से हार गईं। वह बेशक स्वर्ण पदक से चूक गईं लेकिन अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर रजत अपने नाम करने में सफल रहीं।