साधारण परिवार से निकलकर सपना पूरा किया
भजन हरियाणा के सिरसा की रहने वाली हैं और उनके पिता भगवान सिंह एक मामूली किसान हैं। कुछ साल पहले की बात है जब भजन के पास रिकर्व तीरंदाजी जैसी तकनीकी प्रतियोगिता के लिए उपकरण (धनुष) खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। लेकिन उनके पिता ने अपनी बेटी का सपना नहीं टूटने दिया और करीब 25 हजार रुपए उधार लेकर उन्हें उपकरण खरीदकर दिया।
खेलो इंडिया व एशियन गेम्स में चमक बिखेरी
परिवार के सहयोग के बाद भजन ने और कड़ी मेहनत शुरू कर दी। उन्होंने पहले खेलो इंडिया गेम्स में चमक बिखेरी। घरेलू प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भजन को 16 साल की उम्र में हांगझाऊ एशियन गेम्स 2022 में खेलने वाली टीम में शामिल किया गया। भजन ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और महिला टीम रिकर्व स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। वेस्ट बंगाल की अंकिता ने भी बिखेरी चमक
भारत को महिला वर्ग में पहला ओलंपिक कोटा पश्चिम बंगाल की 25 वर्षीय तीरंदाज अंकिता भगत ने दिलाया। तुर्की के अंताल्या में चल रहे फाइनल ओलंपिक क्वालीफायर की व्यक्तिगत स्पर्धा में अंकिता भले ही क्वार्टरफाइनल में हार गई थी लेकिन कोटा हासिल करने मेे सफल रही। अंकिता एशियन गेम्स 2022 में रिकर्व स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रही थी।