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ओपिनियन

आपकी बात…कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी कैसे बढ़ सकती हैं?

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिलीं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

जयपुरSep 19, 2024 / 03:52 pm

विकास माथुर

लैंगिक असमानता का हो त्याग
इसके लिए सरकारी व सामाजिक स्तर पर लैंगिक असमानता की मानसिकता को त्यागना होगा। महिलाओं को कार्यस्थल पर मूलभूत सुविधाएं जैसे लेडीज टॉयलेट की उपलब्धता हो। पुरुषवादी अहं को छोडना होगा। उन पर घर व परिवार दोनों की जिम्मेदारियां होती हैं। इसे ध्यान में रखकर उन्हें सुविधाएं मिलें।
— ओमप्रकाश श्रीवास्तव, उदयपुरा, म.प्र.
महिलाओं की सुरक्षा व स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाए
कार्य बल में महिलाओं के कम भागीदारी के पीछे बहुत से कारक हैं। महिलाओं की भागीदारी बढाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। वे शिक्षित हों, तकनीकी व गैरतकनीकी कार्य में दक्ष हों। साथ ही उनकी सुरक्षा व स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए।
—रचना मालिक, गोहाना (हरियाणा)
प्रोत्साहन, समर्थन और सहायता
इसके लिए सर्वप्रथम पारिवारिक प्रोत्साहन जरूरी है। महिलाओं को विशेष तकनीकी और व्यावसायिक कौशल देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हों। महिला उद्यमियों के लिए वित्तीय सहायता और अन्य संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। कंपनियों में महिलाओं के लिए आरक्षण और लचीलापन जैसी नीतियां लागू की जा सकती हैं। सफल महिलाओं को मेंटर के रूप में सामने लाकर नए प्रयासों को प्रेरित करना भी आवश्यक है। महिलाओं की भागीदारी देश के त्वरित विकास में अनिवार्य है।
— मुकेश भटनागर, भिलाई, छत्तीसगढ़
महिलाओं को स्वयं आगे आना होगा
महिलाओं को स्वयं अपने बलबूते आगे आना होगा। परिवार को उसे आगे लाना होगा व उसके पसंद के कार्य में दक्ष करवाना होगा।
लता अग्रवाल चित्तौड़गढ़

शिक्षा व कौशल विकास पर जोर
कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए शिक्षा और कौशल विकास पर जोर देना जरूरी है। समान वेतन, लचीले कार्य घंटे, और सुरक्षित कार्यस्थल प्रदान करने से भी महिलाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। परिवार और समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना आवश्यक है।
—रोहित सोलंकी, नर्मदापुरम मध्यप्रदेश
लैंगिक समानता को प्रोत्साहन मिले
कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें शिक्षा, प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करना जरूरी है। साथ ही, लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन होना चाहिए।
— कौशलेन्द्र सिंह रघुवंशी, बून्दी
नीतिगत ढांचे का निर्माण हो
महिलाओं को सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने वाले नीतिगत ढांचे का निर्माण करना चाहिए। कार्यस्थल पर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने, महिला कर्मचारियों के लिए समान वेतन सुनिश्चित करने और महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधान लागू किए जाने चाहिए। साथ ही लैंगिक असमानता दूर करने वाली प्रभावी समग्र नीतियों को विकसित किए जाने की आवश्यकता है।
प्रकाश भगत, कुचामन सिटी, नागौर
कार्यस्थल पर सुरक्षित व लचीला वातावरण हो
महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी को बढ़ाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, व्यावसायिक कौशल विकास, समान वेतन का प्रावधान, और कार्यस्थल पर सुरक्षित, लचीला एवं प्रोत्साहनकारी वातावरण सुनिश्चित करना आवश्यक है।
—राम लखन देवी लाल, दिल्ली

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