सुरक्षा के बुनियादी उपाय
कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाएं। सुरक्षित परिवहन सुविधाओं की उपलब्धता और आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट और सेल्फ-डिफेंस प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएं। महिलाओं को उनके अधिकारों और संबंधित कानूनों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। इसके साथ ही, जीपीएस ट्रैकिंग और पैनिक बटन जैसी सुविधाओं से लैस मोबाइल ऐप्स विकसित कर उन्हें प्रचारित किया जाए। पंकज, हनुमानगढ़
कानूनी सशक्तिकरण और सामाजिक बदलाव
कामकाजी महिलाओं के लिए कानूनी अधिकारों को मजबूत करना और स्कूलों, कॉलेजों व कार्यस्थलों में लिंग संवेदीकरण कार्यक्रम शुरू करना बेहद जरूरी है। लिंग आधारित हिंसा रोकने, न्यायिक प्रक्रियाओं को आसान बनाने और केंद्र की योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। साथ ही, महिलाओं के बच्चों के लिए छात्रावास योजना लागू करना, कानूनों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना, और कार्यस्थलों पर शौचालयों की सुविधा प्रदान करना प्राथमिकता होनी चाहिए। शिवजी, जयपुर
अधिकारों और सुरक्षा का प्रशिक्षण
शहर और गांव स्तर पर शिविर आयोजित कर महिलाओं को उनके अधिकारों और सुरक्षा के गुर सिखाए जाएं। आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए उन्हें तैयार किया जाए। इसके साथ ही, सरकार को टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर प्रचारित करना चाहिए ताकि महिलाएँ संकट की स्थिति में मदद ले सकें। अजीतसिंह, बीकानेर
त्वरित न्याय और सुरक्षा उपाय
महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों और हिंसात्मक घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित और प्रभावी न्याय प्रणाली आवश्यक है। इसके साथ ही, कार्यस्थलों पर सुरक्षा नीतियां सख्ती से लागू की जानी चाहिए।उद्धव जोशी, ऋषीनगर, उज्जैन
POSH कानून का पालन और जागरूकता
कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा के लिए POSH (Prevention of Sexual Harassment) कानून का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। रात्रि पाली में काम करने वाली महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा उपाय लागू किए जाएं।
संजय माकोड़े, बैतूल
टेक्नोलॉजी और मानवतावादी दृष्टिकोण
कार्यालयों और कार्यस्थलों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया जाए जैसे सुरक्षा अलार्म और निगरानी उपकरण। इसके साथ ही, ऐसा वातावरण बनाया जाए जहां महिलायें खुलकर अपनी समस्याएँ साझा कर सकें। गिरिधर सुथार
सुनसान क्षेत्रों में सुरक्षा के उपाय
महिलाओं के आने-जाने वाले मार्ग सुनसान न हों और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो। सुरक्षित यातायात साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। निर्मला शर्मा, राजगढ़, अलवरकठोर नियम और जागरूकता अभियान
यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाए गए कानूनों का सख्ती से पालन हो और जागरूकता अभियान चलाए जाएं। आंतरिक शिकायत समितियों को सक्रिय बनाकर उनकी जिम्मेदारी तय की जाए।
वसंत, भोपाल