रसोई का बजट बढ़ जाएगा
आटे और चावल जैसी चीजों पर जीएसटी का प्रभाव आम जनता की मुश्किलें बढ़ाएगा, क्योंकि इससे जनता पर महंगाई की मार पड़ेगी। रसोई का बजट बढ़ जाएगा।
-कमल वीर यादव, श्रीगंगानगर
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आटे और चावल जैसी चीजों पर जीएसटी का प्रभाव आम जनता की मुश्किलें बढ़ाएगा, क्योंकि इससे जनता पर महंगाई की मार पड़ेगी। रसोई का बजट बढ़ जाएगा।
-कमल वीर यादव, श्रीगंगानगर
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फैसला बदले सरकार
भारत में भोजन की मुख्य सामग्री आटा और चावल ही माना जाता है। इंसान की दैनिक जरूरतों में भोजन को मुख्य माना जाता है। इसलिए सरकार को चावल और आटे को जीएसटी के दायरे से मुक्त रखना चाहिए। सरकार अपना फैसला बदले और आमजन को राहत प्रदान करे।
-मुस्ताक खिलजी देणोक, जोधपुर
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भारत में भोजन की मुख्य सामग्री आटा और चावल ही माना जाता है। इंसान की दैनिक जरूरतों में भोजन को मुख्य माना जाता है। इसलिए सरकार को चावल और आटे को जीएसटी के दायरे से मुक्त रखना चाहिए। सरकार अपना फैसला बदले और आमजन को राहत प्रदान करे।
-मुस्ताक खिलजी देणोक, जोधपुर
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तर्कसंगत नहीं
खाने की चीजों पर जीएसटी से ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। पहले ही बढ़ती महंगाई के बाद अब और महंगाई बढ़ेगी। जरूरी चीजों पर जीएसटी लगाना तर्कसंगत नहीं है।
-साजिद अली चंदन नगर इंदौर.
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खाने की चीजों पर जीएसटी से ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। पहले ही बढ़ती महंगाई के बाद अब और महंगाई बढ़ेगी। जरूरी चीजों पर जीएसटी लगाना तर्कसंगत नहीं है।
-साजिद अली चंदन नगर इंदौर.
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सरकार चाहती क्या है
एक तरफ तो सरकार रियायती दर पर राशन दे रही है। दूसरी तरफ आटे और चावल पर जीएसटी लगा रही है। आखिर सरकार चाहती क्या है?
– प्रियव्रत चारण, जोधपुर
………………… आर्थिक दबाव
आटे और चावल जैसी चीजों पर जीएसटी लगने से उपभोक्ता के ऊपर आर्थिक दबाव बढ़ेगा। दुकानदार तो यह टैक्स उपभोक्ता से ही वसूल करेगा।
नमित अग्रवाल,अंता,बारां
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एक तरफ तो सरकार रियायती दर पर राशन दे रही है। दूसरी तरफ आटे और चावल पर जीएसटी लगा रही है। आखिर सरकार चाहती क्या है?
– प्रियव्रत चारण, जोधपुर
………………… आर्थिक दबाव
आटे और चावल जैसी चीजों पर जीएसटी लगने से उपभोक्ता के ऊपर आर्थिक दबाव बढ़ेगा। दुकानदार तो यह टैक्स उपभोक्ता से ही वसूल करेगा।
नमित अग्रवाल,अंता,बारां
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बिगड़ जाएगा घर का बजट
रसोई के लिए जरूरी चीजों पर जीएसटी लागू होने से रसोई का सारा ढांचा डगमगा जाएगा। हर घर की अन्नपूर्णा परेशान हो जाएगी।
-शैलेंद्र जैन, गुनगुना, झालावाड़
…………………… अदूरदर्शितापूर्ण निर्णय
आटे और चावल जैसे सामानों पर जीएसटी लगाना अदूरदर्शिता है। इससे गरीबों को भरपेट भोजन की उपलब्धता पर असर पड़ेगा। दैनिक वस्तुएं महंगी होने से जनता की परेशानी बढ़ेगी। सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है.
-हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, मध्य प्रदेश
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रसोई के लिए जरूरी चीजों पर जीएसटी लागू होने से रसोई का सारा ढांचा डगमगा जाएगा। हर घर की अन्नपूर्णा परेशान हो जाएगी।
-शैलेंद्र जैन, गुनगुना, झालावाड़
…………………… अदूरदर्शितापूर्ण निर्णय
आटे और चावल जैसे सामानों पर जीएसटी लगाना अदूरदर्शिता है। इससे गरीबों को भरपेट भोजन की उपलब्धता पर असर पड़ेगा। दैनिक वस्तुएं महंगी होने से जनता की परेशानी बढ़ेगी। सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है.
-हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, मध्य प्रदेश
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महंगाई बढ़ेगी
हाल ही में भारत सरकार ने आटे -चावल को 5 प्रतिशत जीएसटी टैक्स के दायरे में लाने का निर्णय किया है। इससे आटे -चावल की कीमत बढऩे से घरेलू बजट बिगड़ेगा और आमजन को महंगाई का सामना करना पड़ेगा।
-कपिल एम.वडियार, पाली
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हाल ही में भारत सरकार ने आटे -चावल को 5 प्रतिशत जीएसटी टैक्स के दायरे में लाने का निर्णय किया है। इससे आटे -चावल की कीमत बढऩे से घरेलू बजट बिगड़ेगा और आमजन को महंगाई का सामना करना पड़ेगा।
-कपिल एम.वडियार, पाली
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भुखमरी बढ़ेगी
चावल और आटे जैसी रोजमर्रा चीजों पर जीएसटी बढ़ाने से गरीबों की मुश्किल बढ़ेगी। देश में भुखमरी और कुपोषण बढ़ेगा।
-रजनी गंधा, रायपुर
चावल और आटे जैसी रोजमर्रा चीजों पर जीएसटी बढ़ाने से गरीबों की मुश्किल बढ़ेगी। देश में भुखमरी और कुपोषण बढ़ेगा।
-रजनी गंधा, रायपुर